गोपालगंज: बिहार में लोकआस्था के महापर्व छठ पूजा का विशेष महत्व है. छठ पर्व के मौके पर बिहार के लोग चाहे जिस भी राज्य में अपने घर लौटने के लिए हर तरह के जुगाड़ के लिए तैयार रहते हैं. कुछ ऐसी ही स्थिति बिहार के गोपालगंज जिले में भी देखने को मिली. दरअसल इन दिनों दिल्ली, पंजाब और हरियाणा समेत अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में प्रवासी घर लौट रहें हैं.
प्रवासियों के घर लौटने के लिए ट्रेनों में जगह नहीं मिल रही है. ऐसे में प्रवासी मजदूर बस और मालवाहक गाड़ियों में किसी तरह थोड़ी सी जगह मिलते ही दिक्कत और परेशानियों के बीच भी सफर कर अपने घर लौटने को तैयार हैं. दिल्ली से गुरुवार को एक मालवाहक ट्रक में महिलाओं और बच्चों को जानवरों की तरह ठूस कर गोपालगंज लाया गया, जिन्हें मुजफ्फरपुर जाना था.
यूपी-बिहार के बलथरी चेकपोस्ट पर पहुंचते ही इनमें से कई मजदूर ऐसे थे, जो बीमार हो चुके थे. प्रवासी मजदूरों का कहना था कि ट्रेनों में टिकट लेने के बाद भी जगह नहीं मिल रही है घर लौट सके. मोतिहारी के राज कुमार शर्मा ने बताया कि त्योहार पर घर लौटना भी जरूरी है. इसलिए बस में दोगुना किराया देने के बाद भी सीट नहीं मिली. ऐसे में मुजफ्फरपुर जा रही मालवाहक ट्रक में ही बैठकर सफर करना पड़ा. ट्रक से भी दिल्ली से मोतिहारी तक जाने के लिए प्रति व्यक्ति सात सौ रुपए किराया वसूला गया.
बस में एक सीट पर तीन से चार यात्री
दिल्ली से आनेवाली बसों में भी खचाखच भीड़ मिली. बलथरी चेकपोस्ट पर जांच के लिए रोकी गयी बसों में एक सीट पर तीन से चार यात्रियों को उपर-नीचे करके बैठाया गया था. कई यात्री खड़े होकर दिल्ली से दरभंगा जाने के लिए निकले थे. एक बस में 40 सीटें रहती है, लेकिन उसमें 80 से 100 यात्रियों को बैठाया गया था.
ट्रेनों में भी खड़े होकर करनी पड़ी यात्रा
मंगलवार को सीवान से होकर थावे जंक्शन पर पहुंचे यात्रियों ने बताया कि दिल्ली से सीवान तक आने के लिए खड़े होकर सफर करना पड़ा है. ट्रेन में सीटें तीन महीने पहले ही फुल हो गयी. घर लौटना मजबूरी था, इसलिए टिकट लेकर ट्रेन की गेट और अन्य जगहों पर खड़े होकर सफर करना पड़ा है.
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