काठमांडू । नेपाल में आज से बस सेवाएं बहाल कर दी गई हैं, लेकिन इससे सबसे अधिक यहां स्वास्थ्यकर्मी परेशान हैं, उन्हें लगता है कि कहीं बस सेवाएं बहाल किए जाने के बाद देश में कोरोना का संक्रमण और न बढ़ जाए। उनका मानना है कि भारत में जिस तरह कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, उससे नेपाल को भी खतरा है, क्योंकि नेपाल लौटने वाले लोगों की जांच अब सीमा पर पहले की तरह नहीं हो रही है।
अब न तो उन्हें क्वारंटीन किया जा रहा है और न ही तापमान लेने के अलावा कोई और जांच हो रही है। वैसे कुछ समय से सीमाएं सील होने से मामला काबू में है और फिलहाल नेपाल लौटने वालों की संख्या नहीं के बराबर है। भारत में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ने के साथ ही नेपाल ने अपनी सीमाएं लगभग सील कर रखी हैं।
नेपाल के एक स्वास्थ्य विशेषज्ञ रवीन्द्र पांडे का दावा है कि नेपाल के 95 फीसदी कोरोना के मामले उन्हीं लोगों के हैं जो भारत में काम करते थे और वहां से लौटे हैं। अब ये डर सता रहा है कि उन लोगों से ये महामारी नेपाल के दूसरे इलाकों में न फैल जाए।
वहीं बतादें कि यहां वापस लौटने वालों की भीड़ लगभग खत्म सी हो गई है। पहले जिस तेजी से भारत में काम करने वाले नेपाली नागरिक लौट रहे थे, अब उनकी संख्या इक्का दुक्का रह गई है और सीमाएं खाली हैं। यहां तक कि सीमा पार से आ रहे नागरिकों के लिए बनाए गए क्वारंटीन सेंटर भी पूरी तरह खाली हैं। बेहालिया चेक प्वाइंट पर सन्नाटा पसरा है। जो इक्का दुक्का लोग आ रहे हैं, उनका केवल तापमान लिया जा रहा है और अगर कोई लक्षण नहीं पाया जा रहा है तो उन्हें बगैर क्वारंटीन के उनके घर भेजा जा रहा है।
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