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पैनिक बटन और जीपीएस के लिए बस संचालकों को मिलेगा चार माह का समय

November 05, 2022

जीपीएस और पैनिक बटन न होने पर नहीं हो रहा फिटनेस टेस्ट, बस संचालकों ने प्रमुख सचिव से मिलकर की शिकायत
इन्दौर।  प्रदेश में यात्री वाहन संचालकों (Passenger Vehicle Operators) को अपने वाहनों (Vehicles) में जीपीएस (GPS) और पैनिक बटन (Panic Button) लगाने के लिए चार माह का और समय मिल सकता है। बस संचालकों (Bus Operators) द्वारा प्रमुख सचिव से की गई मुलाकात के बाद प्रमुख सचिव ने इस संबंध में परिवहन आयुक्त (Transport Commissioner) को पत्र लिखा है। संभवत: आयुक्त इस पर सोमवार तक आदेश जारी करेंगे, जिसके बाद इन उपकरणों के बिना फिटनेस (Fitness) पर लगी रोक एक बार फिर खुल सकेगी और वाहनों का फिटनेस हो सकेगा।


परिवहन विभाग (Transport Department) द्वारा प्रदेश में सभी यात्री वाहनों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग (वीएलटी) (Vehicle Location Tracking) या जीपीएस और पैनिक बटन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। इनके ना लगे होने पर एक सप्ताह से फिटनेस के अपाइंटमेंट भी जारी नहीं हो रहे हैं। इसे लेकर इंदौर और भोपाल सहित प्रदेश के बस संचालक हाल ही में प्रदेश के प्रमुख सचिव परिवहन फैज अहमद किदवई से भोपाल में मिले थे। प्राइम रूट बस ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद शर्मा ने बताया कि बस संचालकों ने प्रमुख सचिव को बताया कि इस व्यवस्था को लागू करने के लिए अभी प्रदेश में डीलर्स के पास पर्याप्त उपकरण तक मौजूद नहीं हैं, साथ ही जिन वाहन संचालकों ने पहले से दूसरी कंपनियों के उपकरण लगा रखे हैं, उन्हें परिवहन विभाग का सिस्टम एक सप्ताह से स्वीकार भी नहीं कर रहा है और फिटनेस अपाइंटमेंट जारी होना भी बंद हो चुके हैं। इस पर प्रमुख सचिव ने खुद भोपाल सेंटर पर जाकर निरीक्षण करने के बाद आयुक्त संजय कुमार झा को पत्र लिखा है कि वे पूरे मामले की जांच करें और बस संचालकों के सुझाव के मुताबिक उनसे चार माह में यह उपकरण लगाने के शपथ पत्र के साथ फिटनेस टेस्ट की छूट दें, ताकि वे इस अवधि में उपकरण लगवा सकें।


7 हजार के उपकरण के 20 हजार वसूल रहे डीलर्स
शर्मा ने बताया कि बस संचालकों ने प्रमुख सचिव को यह भी बताया कि केंद्र शासन ने 90 से ज्यादा कंपनियों को इन उपकरणों को लगाने के लिए अधिकृत किया है, लेकिन प्रदेश में सिर्फ चार कंपनियों को ही इस काम के लिए अधिकृत किया है। इसके चलते कंपनियां 7 हजार के उपकरण 16 से 20 हजार तक में लगाकर अवैध वसूली कर रही है। इसलिए कंपनियों को उपकरण एमआरपी पर लगाने और अन्य कंपनियों को भी मान्य करने की छूट दी जाए।


यात्री सुरक्षा के लिए जरूरी है पैनिक बटन और जीपीएस
देश में यात्री वाहनों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए पिछले कई सालों से पैनिक बटन और जीपीएस को अनिवार्य किए जाने की बात कही जा रही है। इसके तहत वाहनों में यह बटन लगा होने पर यात्री किसी भी अप्रिय या आपात स्थित में बटन दबाएगा तो परिवहन विभाग के कंट्रोल रूम में इसकी सूचना पहुंचेगी। जीपीएस से वाहन की स्थिति पता लगाते हुए तुरंत सहायता पहुंचाई जा सकेगी। बस संचालकों का यह भी कहना है कि बसों में एक ही पैनिक बटन लगाने की बात केंद्र सरकार ने कही है, लेकिन इंदौर में बस के हर खंभे पर लगाने की जबरन सख्ती की जा रही है, जो गलत है।


आदेश आने के बाद ही मिल पाएगी छूट
बस संचालकों की मांग पर प्रमुख सचिव ने परिवहन आयुक्त को पत्र लिखा है, लेकिन आयुक्त ने अब तक इसे लेकर आदेश जारी नहीं किया है। संभावना है कि एक-दो दिन में आदेश जारी होंगे। इसके बाद ही बस संचालकों को फिटनेस के लिए छूट मिल पाएगी।
– प्रदीप शर्मा,
आरटीओ इंदौर

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