इन्दौर। महू के अवलाय में कल दोपहर एक स्कूल बस खेत में उतरने के बाद पलट गई। बस में 60 बच्चे सवार थे। घटना में कुछ बच्चों और ड्राइवर को चोट आई है। मामले में जब पुलिस ने परिवहन विभाग से बस का रिकार्ड मांगा तो कई लापरवाहियां सामने आईं। जांच में सामने आया कि बस स्कूल के बजाय अन्य कॉलेज के नाम पर रजिस्टर्ड है। बस के पास न तो परमिट है न ही फिटनेस। वहीं बस ड्राइवर के कमर्शियल लाइसेंस की वैधता भी खत्म हो चुकी है। इस आधार पर बडग़ोंदा थाने पर बस चालक सहित बस मालिक और स्कूल संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार महू के गवली पलासिया स्थित विंध्याचल जूनियर कॉलेज स्कूल की बस (एमपी09-एफए-3112) कल दोपहर बच्चों को छोडऩे के लिए फफूंद गांव जा रही थी, तभी अवलाय गांव के पास असंतुलित होकर खेत में जा घुसी और पलट गई। बस में 60 बच्चे सवार थे। घटना में कुछ बच्चों को हलकी चोट आई है। गांव के लोगों ने तुरंत बच्चों को बाहर निकाला। मामले की सूचना मिलते ही पुलिस और परिवहन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। एआरटीओ अर्चना मिश्रा ने बताया कि जब विभाग ने बस की जानकारी निकाली तो सामने आया कि बस एस्ट्रॉल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च कैलोद करताल के नाम पर रजिस्टर्ड है, जबकि इसे विंध्याचल स्कूल के बच्चों के परिवहन में इस्तेमाल किया जा रहा था।
बस के पास परमिट भी नहीं था। वहीं बस का फिटनेस 21 जून 2020 को ही खत्म हो गया था और बस संचालक द्वारा इसके बाद से बस का फिटनेस टेस्ट तक नहीं करवाया गया था। यह भी सामने आया कि बस की क्षमता 50 लोगों की थी और बस में 60 बच्चों को बैठा रखा था। बस के ड्राइवर के हैवी व्हीकल लाइसेंस की वैधता भी खत्म हो चुकी थी। इस आधार पर परिवहन विभाग की रिपोर्ट पर बडग़ोंदा पुलिस ने बस चालक के साथ ही लापरवाही बरतने पर बस मालिक और स्कूल संचालक के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की है।
अयोग्य बस संचालित करने पर प्रिंसिपल को भी बनाएंगे आरोपी
एआरटीओ मिश्रा ने बताया कि यह स्कूल की जिम्मेदारी है कि अगर वे किसी बस को लीज पर लेकर भी संचालित कर रहे हैं तो देखें कि बस के सभी दस्तावेज सही हों। बस के पास परमिट, फिटनेस, ड्राइवर के पास वैध लाइसेंस हो, बस में स्पीड गवर्नर लगा हो। अब ऐसे मामलों में परिवहन विभाग द्वारा स्कूल प्रिंसिपल को भी आरोपी बनाया जाएगा।
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