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दमोह लोकसभा सीट पर टिकी है बुंदेलखंड की नजरें, कम मतदान से भाजपा चिंतित, कांग्रेस को खाता खुलने की उम्मीद

May 30, 2024

दमोह। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की दमोह लोकसभा सीट (Damoh Lok Sabha Seat) के लिए पॉलीटेक्निक कॉलेज में चार जून को मतगणना (Counting of votes will be held on June 4 at Polytechnic College) होगी। इस चुनाव में कुल 14 प्रत्याशी मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच (main contest is between BJP and Congress) ही है। दोनों ही प्रत्याशी भाजपा के राहुल सिंह (Rahul Singh of BJP) और कांग्रेस के तरवर सिंह (Tarwar Singh of Congress) अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं, लेकिन कम मतदान प्रतिशत से दोनों ही चिंतित हैं। कांग्रेस को उम्मीद है कि मतदान कम होने से उसे फायदा होगा, भाजपा को लगता है भले की मतदान कम हुआ लेकिन मतदाता ने प्रधानमंत्री के चेहरे को ध्यान में रखकर मतदान किया है। यह बात भी सच है कि 9.34 प्रतिशत कम मतदान से भाजपा चिंतित है, क्योंकि 2019 के चुनाव से भी कम मतदान हुआ है।

दमोह लोकसभा का चुनाव दो दोस्तों के बीच हुआ है। भाजपा के राहुल सिंह और कांग्रेस के तरवर सिंह आपस में बहुत अच्छे दोस्त थे। दोनों एक साथ कांग्रेस के टिकिट पर विधायक बने थे। राहुल दमोह से और तरवर बंडा से चुनाव जीते थे, लेकिन राहुल सिंह ने 2020 में कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था और 2021 उपचुनाव में राहुल सिंह को हार का सामना करना पड़ा। जबकि तरवर सिंह पूरे पांच साल विधायक रहे और 2023 में विधानसभा चुनाव हार गए और 2024 में दमोह से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी बनाए गए। दमोह लोकसभा लोधी बाहुल्य सीट है, इसलिए दोनों ही दलों ने लोधी प्रत्याशी उतारा।


दमोह लोकसभा में आठ विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इनमें दमोह, पथरिया, हटा और जबेरा वहीं सागर जिले की रहली, देवरी और बंडा विधानसभा आती हैं। इसके अलावा छतरपुर जिले की बड़ा मलहरा विधानसभा भी दमोह लोकसभा में आती है और केवल इसी सीट पर कांग्रेस विधायक रामसिया भारती हैं, बाकी सात विधानसभा में भाजपा के विधायक हैं और जिसमें पथरिया और जबेरा से मंत्री भी हैं। इसके बाद भी दमोह लोकसभा में 2024 के चुनाव में 56.48 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 2019 लोकसभा चुनाव से 9.34 प्रतिशत कम है। 2019 में 65.82 प्रतिशत मतदान हुआ था। लोकसभा चुनाव में स्थानीय मुद्दे छोड़ प्रत्याशियों के बीच व्यक्तिगत मुद्दे दिखाई दिए। कांग्रेस ने भाजपा के राहुल लोधी को बिकाऊ प्रत्याशी बताया और लोभी कहा, वहीं भाजपा ने कांग्रेस प्रत्याशी को बाहरी और हारा हुआ प्रत्याशी बताया था।

मतगणना के लिए पॉलीटेक्निक कॉलेज में जिला निर्वाचन अधिकारी सुधीर कुमार कोचर द्वारा इंतजाम कर दिए गए हैं। निर्वाचन शाखा के अनिल दुबे ने दमोह जिले की चारों विधानसभा में 15 राउंड की गणना होगी। इसके लिए पथरिया विधानसभा में 20 टेबिल और दमोह, जबेरा और हटा विधानसभा में 21 टेबल लगाई हैं। कुल 1150 कर्मचारी ड्यूटी के लिए लगाए गए हैं। उसके अलावा सागर की विधानसभा में 14 राउंड होंगे, जबकि छतरपुर जिले की बड़ामलहरा विधानसभा में 16 राउंड होना है। इस चुनाव में पुरुष मतदाताओं की संख्या 60.97 और महिला मतदाताओं की संख्या 51.55 है।

दमोह लोकसभा भाजपा का गढ़ बन चुकी है। 1989 से यह क्रम शुरू हुआ और 35 साल से भाजपा प्रत्याशी ही जीतते आ रहे हैं। पूर्व सांसद डॉक्टर रामकृष्ण कुसमरिया दमोह से चार बार सांसद रहे और प्रहलाद पटेल दो बार सांसद का चुनाव जीते और 2019 में केंद्रीय राज्य मंत्री भी बने। उनके विधानसभा चुनाव जीतने के चलते ही यह सीट खाली हुई और भाजपा ने पूर्व विधायक राहुल सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया और कांग्रेस ने भी पूर्व विधायक तरवर सिंह पर दांव चला ताकि लोधी वोटर जो निर्णायक की भूमिका में हैं वह बंट जाए। यह तो चार जून को पता चलेगा कि लोधी समाज का वोट किसे मिला है। कुछ समय पहले तक वे केंद्रीय मंत्री थे। वर्ष 2023 का विधानसभा चुनाव नरसिंहपुर से जीतने के बाद उन्होंने संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। वे अब मध्य प्रदेश में पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री हैं।

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