गुवाहाटी। असम (Assam) में मदरसों (Madrasas) पर बुलडोजर (Bulldozers ) चलाने को लेकर एआईयूडीएफ और मुस्लिम छात्र समूहों की आपत्तियों के बीच मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Chief Minister Himanta Biswa Sarma) ने गुरुवार को कहा कि अगर इन संस्थानों का इस्तेमाल ‘भारत विरोधी गतिविधियों’ के लिए किया जाता है तो सरकार ‘सबसे सख्त कार्रवाई’ करना जारी रखेगी।
सरमा ने कहा, “हमारा एकमात्र इरादा यह देखना है कि उनका इस्तेमाल जिहादी तत्वों द्वारा नहीं किया जाता है। अगर किसी मदरसे का इस्तेमाल जिहादी गतिविधियों के लिए नहीं किया जा रहा है, तो उन्हें गिराने का कोई सवाल ही नहीं है।”
बुधवार को एआईयूडीएफ प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने मदरसों को बुलडोजर से बख्शने की अपील की थी। गुरुवार को उन्होंने बोंगाईगांव जिले में तीसरे मदरसे के विध्वंस वाले जगह का दौरा किया। वहां उन्होंने कहा, “यदि आवश्यक होगा तो वह अदालत का रुख करेंगे।” आपको बता दें कि असम में हाल के दिनों में कई मदरसों को गिरा दिया गया था।
बुधवार को बोंगईगांव जिले में स्थित एक मदरसे को गिराया गया। खास बात है कि AQIS/ABT (अल कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम) से कनेक्शन वाले 37 लोगों की गिरफ्तारी के बाद यह तीसरा मदरसा असम सरकार की तरफ से गिराया गया है। इससे पहले सोमवार को सरकार ने बरपेटा जिले में इस तरह की कार्रवाई की थी।
एसपी स्वप्ननील डेका ने बताया, ‘जिला प्रशासन ने अपने एक आदेश में कहा है कि मदरसा का स्ट्रक्चर कमजोर और इंसानों के लिए सुरक्षित नहीं है, क्योंकि मदरसा भवन को APWD/IS मानदंडों के हिसाब से नहीं बनाया गया था।’
असम सरकार ने सबसे पहले मोरीगांव स्थित मदरसे पर 4 अगस्त को कार्रवाई की थी। इस महीने ही राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि राज्य इस्लामिक कट्टरवाद का गढ़ बनता जा रहा है। साथ ही उन्होंने बताया था कि सुरक्षाबलों ने मार्च से लेकर अब तक 5 जिहादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था।
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