हाईकोर्ट की रोक हो जाएगी स्वत: समाप्त… बायपास से लेकर बड़ा गणपति, एमजी रोड के अलावा महालक्ष्मी नगर मेन रोड के अवैध निर्माण टूटेंगे
इंदौर। कोरोना (Corona) और फिर लॉकडाउन (lockdown) के चलते मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने प्रदेशभर में अवैध निर्माणों (Illegal Constructions) की तोडफ़ोड़ (Demolition) पर रोक लगा रखी है। अभी 22 सितम्बर तक यह रोक रहेगी, फिर स्वत: समाप्त हो जाएगी। उसके बाद प्रशासन (Administration) और निगम (Corporation) के बुलडोजर चलेंगे। बायपास से लेकर बड़ा गणपति (Bada Ganpati), एमजी रोड (MG Road) सडक़ चौड़ीकरण के अलावा महालक्ष्मी नगर (Mahalaxmi Nagar) मेन रोड, सांई कृपा, तुलसी नगर में आवासीय भूखंडों पर हुए 100 प्रतिशत व्यवसायिक निर्माणों को तोड़ा जाएगा। निगम ने एक साथ 77 नोटिस एक साथ जारी कर दिए और तीन दिन में भवन निर्माण मंजूरी के साथ स्वामित्व के दस्तावेजों की मांग की गई है।
अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्यमित्र भार्गव (Additional Advocate General Pushyamitra Bhargava) के मुताबिक कुछ समय पूर्व हाईकोर्ट High Court) की मुख्य खण्डपीठ ने कोरोना के चलते निर्माणों को तोडऩे पर रोक लगा दी थी। अभी 1 सितम्बर को इस मामले की सुनवाई हुई, जिसमें मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक (Mohammad Rafiq) और न्यायाधीश विजय कुमार शुक्ला (Vijay Kumar Shukla) की खण्डपीठ ने आदेश पारित किया कि उक्त रोक 22 सितम्बर तक रहेगी और उसके बाद स्वत: समाप्त हो जाएगी। यानी प्रशासन, निगम सहित अन्य सरकारी अमला 22 सितम्बर के बाद अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चला सकेगा। अभी निगम ने बायपास के कंट्रोल एरिया में 650 नोटिस जारी किए हैं, जहां स्वेच्छा से लोगों ने निर्माण हटाना शुरू भी कर दिए हैं। इसी तरह बड़ा गणपति से एमजी रोड में बाधक निर्माण भी स्वेच्छा से हटाए जा रहे हैं। दूसरी तरफ निगमायुक्त श्रीमती प्रतिभा पाल (Corporation Commissioner Smt. Pratibha Pal) को शिकायत मिली कि बॉम्बे हॉस्पिटल (Bombay Hospital) के सामने महालक्ष्मी नगर मेन रोड से लेकर राधिका नगर, सांईकृपा, तुलसी नगर के आवासीय भूखंडों पर शत-प्रतिशत धड़ल्ले से व्यवसायिक निर्माण किए जा रहे हैं, जिसके चलते अपर आयुक्त संदीप सोनी को इन अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश आयुक्त ने दिए और झोन क्र. 8 की भवन अधिकारी सुश्री गजल खन्ना ने चिन्हित किए गए 77 निर्माणों को नोटिस जारी कर दिए हैं। सुश्री खन्ना के मुताबिक इन आवासीय भूखंडों पर किए गए निर्माण पूरी तरह से अवैध हैं, जहां पार्किंग की भी कोई जगह नहीं छोड़ी गई और लगातार शोरूम-दुकानें खुल रही है।
कलेक्टर ने राजस्व अमले को भी दिए जांच के निर्देश
कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) जहां गृह निर्माण संस्थाओं के पीडि़तों को भूखंड दिलवा रहे हैं, वहीं उन भूखंडों पर व्यवसायिक दुरुपयोग के चलते उन्होंने नाराजगी जाहिर की और अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेड़ेकर को निर्देश दिए कि वह राजस्व अमले से भी इसकी जांच करवाए और ऐसे भूखंडों को निरस्त किया जाएगा। अपर कलेक्टर श्री बेड़ेकर के मुताबिक वे आज तहसीलदार के साथ क्षेत्र का दौरा करेंगे और इस तरह के भूखंडों को निरस्त किया जाएगा।
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