बगीचे की जमीन पर हो रहे अवैध निर्माण को लेकर फिर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया…
छोटा बांगड़दा में सरकारी जमीन करवाई मुक्त
इंदौर। प्रशासन (Administration) के निर्देश पर नगर निगम (Municipal council) ने कल छोटा बांगड़दा (bangarda) में सरकारी नजूल (government nazul) की जमीन पर कट रही अवैध कालोनी (illegal colony) पर बुलडोजर (bulldozer) चलाया। वहीं प्रमुख चौराहों के आसपास लगी अवैध दुकानें, ठेले, गुमटियों और फुटपाथ पर रखे सामान को भी हटाकर अतिक्रमणमुक्त करवाया गया। वहीं योजना क्र. 114 में बगीचे पर अवैध निर्माण को लेकर एक बार फिर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिस पर अगले हफ्ते सुनवाई होगी। निगमायुक्त ने सुगम यातायात और पार्किंग (Parking) के लिए अब लगातार अतिक्रमण (Encroachment) हटाने के निर्देश अधिनस्थ अधिकारियों को दिए हैं और यातायात विभाग का अमला भी साथ में रहेगा।
छोटा बांगड़दा के सर्वे नम्बर 332, रकबा 4.444 हेक्टेयर, सरकारी नजूल की जमीन पर कुछ लोगों ने तार फेंसिंग कर कब्जा किया और कालोनी काटने की तैयारी चल रही थी। शिकायत मिलने पर कलेक्टर मनीष सिंह ने निगम को अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए। लिहाजा दो जेसीबी की सहायता से इस सरकारी जमीन को कब्जे से मुक्त करवाया गया। निगम की ओर से भवन अधिकारी विवेश जैन, भवन निरीक्षक तन्मय सिंह के अलावा एयरपोर्ट पुलिस थाने का बल क्षेत्रीय पटवारी और रिमूव्हल सुपरवाइजर मौजूद रहे। दूसरी तरफ आयुक्त के निर्देश पर शहर के प्रमुख मार्गों के साथ ही चौराहों के आसपास हो रहे अतिक्रमण और फुटपाथों पर सामान रखने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू करवाई। निगम के उपयंत्री विनोद मिश्रा ने बताया कि बॉम्बे हॉस्पिटल के सामने की सर्विस रोड पर बॉम्बे कैमिस्ट के बाहर ही कचोरी-समोसे की दुकानें कई समय से चल रही थी, जिससे यातायात अवरूद्ध होता है। देवास नाका सर्विस रोड पर जैन रेस्टोरेंट, गुडलक होटल, केसरश्री रेस्टोरेंट, निर्मल होम्स के नीचे बाहर की दुकानें, जाकिर रेस्टोरेंट सहित 30 दुकानों के बाहर रखे अतिक्रमण को हटवाया और फुटपाथ पर सामान रख व्यवसाय करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की। इसी तरह बॉम्बे हॉस्पिटल चौराहा से महालक्ष्मी नगर रोड पर खड़े रहने वाले ठेले और अन्य वाहनों को हटवाया गया। रोड से सामान और अतिक्रमण हटवाने की यह कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी। दूसरी ओर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका योजना 114 की बगीचे की जमीन पर अवैध निर्माण को लेकर फिर दायर की गई है।
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