इंदौर। प्राधिकरण ने सीनियर सिटीजन कॉम्प्लेक्स का निर्माण अपनी योजना 134 में किया है, जहां पर 32 सर्वसुविधायुक्त फ्लैट निर्मित किए गए हैं, जहां बुजुर्गों को 24 ही घंटे मेडिकल सहित सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इस बिल्डिंग के संचालन के लिए प्राधिकरण को चार फर्मों के टेंडर भी मिले हैं, जिनमें से उपयुक्त फर्म का चयन बोर्ड बैठक में किया जाएगा। दूसरी तरफ एमआर-10 कुमेर्डी में जो आईएसबीटी बनाया है उसका निर्माण भी पूरा हो चुका है और इस बस टर्मिनल का संचालन फिलहाल प्राधिकरण ने ही करना तय किया है।
110 करोड़ रुपए की लागत से एयरपोर्ट जैसा विशाल बस टर्मिनल प्राधिकरण ने निर्मित तो कर लिया, अब उसके संचालन-संधारण के लिए अच्छे ठेकेदार फर्म की तलाश की जा रही है। पिछले दिनों बुलाए टेंडर में कोई भीफर्म नहीं मिली, जिसके बाद टेंडर शर्तों में कुछ संशोधन कर उसे फिर से जारी किया जा रहा है। कल भी प्राधिकरण सीईओ आरपी अहिरवार ने अधिकारियों के साथ आईएसबीटी और सीनियर सिटीजन कॉम्प्लेक्स का अवलोकन किया। सीईओ श्री अहिरवार के मुताबिक एक-दो महीने में किसी उपयुक्त ठेकेदार को टेंडर के जरिए बस टर्मिनल का संचालन सौंप दिया जाएगा। तब तक यह तय किया जा रहा है, चूंकि टर्मिनल पूरी तरह से तैयार हो चुका है, लिहाजा इसका संचालन खुद शुरू करवा दिया जाए। जिस ठेकेदार कम्पनी ने इसका निर्माण किया है उसी की सहायता से संचालन शुरू कर सकते हैं।
यहां बने प्रशासनिक भवन से रेस्टोरेंट को जोडऩे वाला ग्लास ब्रिज भी तैयार हो गया है। इसके अलावा मेट्रो स्टेशन से भी इस बस टर्मिनल की सीधी कनेक्टीविटी पैदल पुल के जरिए होगी, उसका निर्माण भी मेट्रो कॉर्पोरेशन ने लगभग पूरा कर लिया है, ताकि बस यात्रियों को सीधे मेट्रो स्टेशन तक आना-जाना आसान रहे। वहीं दूसरी तरफ प्राधिकरण ने जो सीनियर सिटीजन कॉम्प्लेक्स बनाया है वह भी पूरी तरह से तैयार हो चुका है। जी प्लस-6 मंजिल ऊंची यह बिल्डिंग बनाई गई है, जिसमें 32 फ्लेट हैं और 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को यहां रहने की सुविधा दी जाएगी, जो अकेले रहते हैं। इसके लिए प्राधिकरण को चार फर्मों के टेंडर भी मिल गए हैं। इनमें से उपयुक्त फर्म का चयन कर उसे इसके संचालन-संधारण का जिम्मा सौंपा जाएगा। यहां पर फ्लेटों का विक्रय नहीं किया जाएगा।
बल्कि उसे निर्धारित दर पर किराए पर दिया जाएगा। यहां पर फिजियोथैरेपी, योगा कक्ष के साथ आधुनिक किचन भी बनाया गया है और चार लिफ्ट, स्ट्रैचर के अळावा 24 घंटे एम्बुलेंस, मेडिकल शॉप सहित अन्य आवश्यक जरूरतों की दुकानें भी रहेंगी। बुजुर्गों के मनोरंजन के लिए भी यहां पर विशेष व्यवस्था कराई गई है, तो कॉम्प्लेक्स के नीचे सुपर मार्केट भी रहेगा। पूरे भवन में फिसलन रहित फर्श यानी टाइल्स लगाई गई है और बुजुर्गों के मुताबिक ही इसकी डिजाइन तैयार की गई है। इंदौर में ही कई बुजुर्ग दम्पती ऐसे हैं जो अकेले रहते हैं या उनके बच्चे दूसरे शहर या विदेश चले गए और अब इस तरह के कैम्पस निजी क्षेत्रों द्वारा भी विकसित किए जा रहे हैं। पहली बार प्राधिकरण ने इस तरह की सामाजिक जिम्मेदारी भी निभाने का प्रयास किया।
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