इंदौर। हमारा शहर गर्मी के मौसम में आग की भट्टी न बन पाए, इसलिए शहर में सालों से बंद पड़ी कपड़ा मिलों की जमीनों पर सिटी फॉरेस्ट बनाए जाएं। इस मांग को लेकर कल शाम मालवा मिल चौराहे पर पर्यावरण प्रेमी नागरिकों ने मानव शृंखला बनाकर प्रदर्शन किया।
मानव शृंखला बनाकर प्रदर्शन करने वाले पर्यावरण प्रेमियों ने कहा कि इंदौर में तापमान हर साल लगातार बढ़ता जा रहा है और बारिश भी कम होती जा रही है। गर्मी में शहर का भूजल स्तर हर साल पाताल की ओर जा रहा है। इसके बावजूद सरकार और प्रशासन कतई गंभीर नजर नहीं आ रहा है। शहर के अंदर से लेकर बाहरी इलाकों में लगातार पेड़ों की कटाई जारी है। अब विकास के नाम पर इंदौर में बंद पड़ी कपड़ा मिलों के पेड़ों की कटाई की जा रही है। इसी को रोकने के लिए पर्यावरण प्रेमी नागरिक मालवा मिल चौराहे पर एकजुट हुए। हम मानव शृंखला बनाकर शहर के लोगों से पेड़ों की रक्षा के लिए एकजुट होने का आह्वान करते हैं। हम शहरवासियों से अपील करते हैं कि सब मिलकर सालों से बंद पड़ी कपड़ा मिलों को सिटी फॉरेस्ट घोषित करवाने के लिए समय निकालें। अभी चुप रहे तो हमारा यह शहर गर्मी में तापमान के सारे रिकॉर्ड तोड़ देगा।
मानव शृंखला…पर्यावरण प्रेमी हुए शामिल
कल इस जनआंदोलन में अलग-अलग संगठनों के सौ से अधिक कार्यकर्ता शामिल हुए। पद्मश्री जनक पलटा, ओपी जोशी, एसएल गर्ग, डीके वाघेला, स्वप्निल व्यास, अभय जैन, श्यामसुंदर यादव समेत कई संगठन, संस्थाएं और सामाजिक कार्यकर्ता इस मानव शृंखला में शामिल हुए।
तख्तियों पर लिखे थे जनजागरण वाले नारे
– मानव शृंखला वालों के हाथों में तख्तियों पर यह अहम जानकारियां देने वाले नारे लिखे हुए थे ।
– शहर की जनसंख्या 34 लाख, मगर पेड़ सिर्फ दस लाख, मगर पंजीकृत वाहन 31 लाख।
– पिछले पांच वर्षों में आईआईटी इंदौर में 1.5 लाख पेड़ कटे।
– साल 1970 में थी 30 प्रतिशत हरियाली… घटकर सिर्फ 9 प्रतिशत रह गई।
– साल 2019 के बाद लू (हीट वेव) 19 से बढक़र 25 दिन की हो गई।
– इस साल गर्मी में 11 दिन तापमान 40 डिग्री से ऊपर रहा तथा 23 मई को 44.5 डिग्री तक रहा।
– इंदौर में कुछ रातें राजस्थान के जयपुर एवं चूरू से अधिक गर्म रहीं।
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