सीहोर । मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सीहोर (Sehore) जिले के बुधनी (Budhni) की खास पहचान (Identity) यहां बनने वाले लकड़ी के खिलौनों (Wooden toys) के कारण है, वहीं अब इन खिलौनों को दुनिया में (In the world) नई पहचान (New identity) मिलेगी।
मुख्यमंत्री चौहान बुधनी के खिलौना महोत्सव में पहुंचे और कहा कि बुधनी के खिलौना उत्पादों को बुधनी के नाम से विश्वविख्यात बनाने के लिए जी आई टैग दिलाए जाने के प्रयास होंगे। विश्व बाजार से प्रतिस्पर्धा के लिए क्लस्टर बनाकर लकड़ी के अलावा अन्य खिलौने भी बनाये जाएंगे। इस इलाके से राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाता है, वे यहां से विधायक है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि उनकी जानकारी में है कि अनेक व्यवसायी ऑनलाइन मार्केटिंग कर अधिक कीमत कमाते हैं। कुछ ऑनलाइन कम्पनी तो पांच गुना तक ज्यादा कीमत में बुधनी के खिलौने बेचती है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि उनका प्रयास है कि यह काम स्थानीय कारीगर ही करें। सरकार इसके लिए नेटवर्क तैयार करेगी। खिलौने ही नहीं यहां के गेहूँ और बासमती चावल सहित अन्य उत्पादों को जी आई टैग दिलवाने के हर सम्भव प्रयास होंगे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आव्हान पर प्रदेश में शुरू की गई ‘एक जिला-एक उत्पाद’ योजना में सीहोर जिले में खिलौना उत्पाद को शामिल किया गया है। खिलौनों की कम लागत, फिनिशिंग के लिए क्लस्टर बनाकर प्रशिक्षण दिलाया जाएगा और अन्य खिलौने निर्माण के लिए आवश्यक मशीनरी भी लगाई जाएगी।
मुख्यमंत्री चौहान ने स्थानीय शिल्पियों के व्यवसाय को और बेहतर बनाने के लिए बुधनी के ही गड़रिया नाला के समीप दुकानें बनाकर बाजार विकसित करने की घोषणा करते हुए कहा कि बुधनी को अलग पहचान देने के लिए पारंपरिक रूप से सजावट की जाएगी और आकर्षक प्रवेश द्वार बनाये जाएंगे।
मुख्यमंत्री अपनी धर्मपत्नी साधना सिंह के साथ इस आयोजन में पहुंचे। खिलौना महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम और बच्चों की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गई। बच्चों की प्रतियोगिताओं में मुख्यमंत्री चौहान भी शामिल हुए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने ‘नदिया चले चले रे धारा’ गीत भी गाया।
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