नई दिल्ली (New Delhi) । बुद्ध पूर्णिमा (Budh Purnima) 05 मई 2023, शुक्रवार यानी आज मनाई जा रही है. बुद्ध पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा (Vaishakh Purnima) और सत्य विनायक पूर्णिमा भी कहते हैं. बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध का जन्म भी नेपाल की लुंबिनी (lumbini) नामक जगह पर इसी दिन हुआ था. इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है. बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार बताया गया है. वैशाख पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और बुद्ध (Lord Vishnu and Buddha) के साथ चंद्रदेव की पूजा का भी विधान है.
बुद्ध पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त (Budh Purnima 2023 Shubh Muhurat)
बुद्ध पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त की शुरुआत 04 मई यानी कल रात 11 बजकर 44 मिनट पर होगी और इसका समापन 05 मई को रात 11 बजकर 03 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा 05 मई यानी आज मनाई जा रही है.
बुद्ध पूर्णिमा पर बनने जा रहा है ये खास संयोग (Budh Purnima 2023 aspicious yog)
इस बार वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा बड़ी खास मानी जा रही है क्योंकि आज चंद्र ग्रहण भी लग रहा है. यह संयोग 130 साल बाद बनने जा रहा है. 5 मई 2023 यानी आज रात 8 बजकर 44 मिनट पर चंद्र ग्रहण आरंभ होगा और 6 मई 2023 को आधी रात 1 बजकर 02 मिनट पर समाप्त होगा. इस दौरान सिद्धि योग का भी निर्माण होगा. ज्योतिष शास्त्र में सिद्धि योग को बेहद शुभ माना गया है और इस अवधि में किए गए सभी कार्य सफल होते हैं. 5 मई 2023 यानी आज सूर्योदय पर 05 बजकर 37 मिनट पर सिद्धि योग की शुरुआत हो चुकी है और सुबह 9 बजकर 15 मिनट तक यह योग रहेगा.
बुद्ध पूर्णिमा पूजन विधि (Budh Purnima 2023 Pujan Vidhi)
प्रात:काल में स्नान के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य देकर बहते जल में तिल प्रवाहित करें. पीपल के वृक्ष को भी जल अर्पित करना चाहिए. इस दिन चूंकि कुछ क्षेत्रों में शनि जयंती भी मनाई जाती है, इसलिए शनिदेव की तेल, तिल और दीप आदि जलाकर पूजा करनी चाहिए. शनि चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं या फिर शनि मंत्रों का जाप कर सकते हैं. अपने सामर्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा भी अवश्य देनी चाहिए.
बुद्ध पूर्णिमा महत्व (Budh Purnima 2023 Significance)
मान्यताओं के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने के बाद दान-पुण्य करने का विशेष महत्व होता है. कहा जाता है कि ऐसा करने से जीवन में मौजूद कष्ट व दुख खत्म हो जाते हैं. साथ ही जाने-अनजाने में किए गए पापों से भी मुक्ति मिलती है. शास्त्रों के मुताबिक, बुद्ध पूर्णिमा के दिन सत्यविनायक व्रत रखना अत्यंत फलदायी होता है. इसका कारण यह है कि सत्यविनायक व्रत रखने से धर्मराज यमराज प्रसन्न होते हैं तथा व्रत करने वाले व्यक्ति के ऊपर से अकाल मृत्यु का ख़तरा टलता है इसीलिए इस दिन सफेद वस्तुएं जैसे कि चीनी, सफेद तिल, आटा, दूध, दही, खीर आदि दान करना शुभ माना जाता है.
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