नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) ने सोमवार को बजट सत्र की शुरुआत (budget session begins) करते हुए संसद में कहा कि सरकार ने महामारी के दबाव में भी देश की महिलाओं को मजबूत (strong women) बनाने का काम किया. उन्हें प्रत्यक्ष तौर पर आर्थिक मदद के साथ सामाजिक स्तर पर भी बदलाव वाले कई फैसले किए. इसके अलावा देश के 2 करोड़ से ज्यादा लोगों को घर (Home to more than 2 crore people) मुहैया कराया गया।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘जनधन योजना के तहत करोड़ों खाते खुलवाने का मकसद महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता देना था और सरकार ने उनके खातों में नकद राशि भेजकर महामारी में बड़ी मदद की. इसके अलावा लड़कियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष किए जाने से उनके शैक्षिक व सामाजिक स्तर को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी. उज्ज्वला योजना के जरिये 8 करोड़ से भी ज्यादा महिलाओं को धुएं और प्रदूषण से आजादी मिली।’
सैनिक स्कूलों में लड़कियों को भी मौके
Ramnath Kovind ने कहा, ‘यह सराहनीय है कि देश के 33 सैनिक स्कूल अब लड़कियों को भी एडमिशन दे रहे हैं. महिलाओं को सेना में कमीशन भी मिल चुका है. National Defence Academy (NDA) में भी महिला कैडेट को मंजूरी दी जा चुकी है .इसका पहला बैच जून, 2022 में आ जाएगा. सरकार ने तीन तलाक को कानूनन अपराध घोषित कर समाज को इस कुप्रथा से मुक्त करने की शुरुआत की है।’
6 करोड़ लोगों को स्वच्छ जल, करोड़ों मकान भी
सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की पाइपलाइन बिछाने का काम किया है. इससे देश के गांवों में बचे 6 करोड़ घरों में स्वच्छ पानी की पहुंच हुई है .इसका लाभ बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को भी मिला. इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिये अब तक 2 करोड़ से ज्यादा लोगों को घर मुहैया कराया जा चुका है।
एमएसएमई (MSME) को गारंटी वाला कर्ज
सरकार ने अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले छोटे और मझोले उद्यमों को बचाने के लिए 4 लाख करोड़ रुपये की गारंटी वाली योजना जारी की थी. इसके जरिये अब तक करीब 3 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बांटा जा चुका है. महामारी से जूझ रहे लाखों उद्यमों को इस योजना का लाभ मिला।
स्टार्टअप (Startup) का माहौल बनाया, 6 लाख रोजगार मिले
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार का रोजगार पैदा करने पर विशेष जोर रहा है. देश में स्टार्टअप के लिए इकोसिस्टम बनाया गया है और अब तक इस क्षेत्र ने 6 लाख से ज्यादा रोजगार दिए हैं. असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की गणना के लिए जारी ई-श्रम पोर्टल पर अब तक 23 करोड़ से ज्यादा लोग पंजीकरण करा चुके हैं।
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