भोपाल। फरवरी-मार्च 2022 में मध्य प्रदेश का वर्ष 2022-23 के लिए विधानसभा में बजट प्रस्तुत होगा। वित्त विभाग ने इसकी तैयारियां प्रारंभ कर दी हैं। सभी विभागों से चार दिसंबर तक नई योजनाओं के प्रस्ताव भेजने के लिए कहा गया है। इस बार वेतन के लिए प्रस्तावित राशि का 32 प्रतिशत हिस्सा महंगाई भत्ता रखा जाएगा। वहीं, वेतन के लिए तीन प्रतिशत राशि अधिक रखी जाएगी। विभागाध्यक्ष और उप सचिव के स्तर पर बजट प्रस्ताव को लेकर चर्चा आठ से 22 दिसंबर तक होगी। विभागीय मंत्रियों के साथ वित्त मंत्री 18 से 22 जनवरी के बीच बजट प्रस्तावों पर चर्चा करेंगे। वित्त विभाग ने वर्ष 2022-23 के लिए बजट तैयार करने के दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। नई योजनाओं को वित्त विभाग के स्तर पर अंतिम रूप दिया जाएगा। इसके लिए प्रशासकीय अनुमति के साथ प्रस्ताव को भेजा जाए।
यदि केंद्र सरकार की किसी नई योजना के लिए बजट में प्रविधान किया जाना है तो यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि केंद्र सरकार ने बजट प्रविधान किया है या नहीं। ऐसी योजनाओं के लिए बजट में प्रतीक स्वरूप राशि रखी जाए। विभाग जिन योजनाओं को निरंतर रखना चाहते हैं और मंत्रिपरिषद अनुमति दे चुकी है, उनके लिए पिछले तीन साल में आवंटित बजट और उपलब्धि का ब्योरा देना पड़ेगा।
छूट देने से राजस्व पर पडऩे वाले प्रभाव का भी देना होगा ब्योरा
विभागों को उन सभी योजनाओं के बारे में भी वित्त विभाग को जानकारी देनी होगी, जिससे सरकार के राजस्व पर प्रभाव पड़ता है। दरअसल, वाणिज्यिक कर, ऊर्जा, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, सूचना प्रौद्योगिकी और राजस्व विभाग विभिन्न योजनाओं के तहत राजस्व में छूट देते हैं, जिसका प्रभाव सरकार के सकल राजस्व पर पड़ता है। एक की जाएंगी समान प्रकृति की योजनाएं सरकार समान प्रकृति की योजनाओं को इस बार भी एक करेगी। दरअसल, केंद्र और राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से हितग्राहियों को लाभांवित करती हैं। योजनाओं में दोहराव न हो, इसके लिए इन्हें एक किया जाएगा।
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