इंदौर। नगर निगम इंदौर (Municipal Corporation Indore) ने आज अपना वार्षिक बजट (annual budget) पेश किया। जिसमें इंदौर को आत्मनिर्भर (Self-reliance) बनाने और पूर्ण रूप से डिजिटल (Digital) बनाने का संकल्प प्रदर्शित किया है। संपत्तिकर में 2 से 3 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
•नगर निगम को पूर्ण डिजिटल बनाने के लिए संकल्पित
एक शहर, एक आईडी,एक कर
•15 वर्षों से शहर बड़ा है महंगाई बड़ी है विकास भी तेज गति से हुआ है निगम की स्वयं की आई संपत्ति कर से ही है लेकिन पिछले 15 वर्षों से इसमें किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं की गई यदि प्रतिवर्ष 50 पैसे की बढ़ोतरी भी की जाती उसे आकलन से 15 साल में 7 रुपए 50 पैसे की वृद्धि होती .
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•नगर निगम बजट में शहर की आवासीय आबादी के संपत्ति कर में केवल ₹2 से ₹3 की वृद्धि की गई है
•5 जोन में विभाजित इंदौर शहर का अधिकतम आवासीय संपत्ति कर में ₹3 तक की ही वृद्धि की गई है
•इंदौर में पिछले 15 वर्षों में व्यावसायिक गतिविधियां बड़ी है व्यावसायिक संस्थान बड़े हैं इसे ध्यान में रखते हुए व्यावसायिक संपत्तियों के कर में वृद्धि की गई है जो की किसी भी व्यावसायिक दृष्टि से बहुत कम है
•नगर निगम के इस बार के बजट में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में किसी भी प्रकार का शुल्क या कर वृद्धि नहीं की गई है
•बल्क कचरा कलेक्शन में शुल्क वृद्धि
•नगर निगम के बजट में बोरिंग या निजी नलकूप पर कोई भी शुल्क या कर नहीं लगाया गया है
•बजट में नर्मदा जल हर घर पहुंचना प्राथमिकता है और इस पर आय का बड़ा हिस्सा नगर निगम खर्च करता है लगभग 400 करोड़ जल वितरण व्यवस्था में नगर निगम खर्च करता है इसकी प्रतिपूर्ति हेतु केवल 100 रुपए प्रति कनेक्शन की वृद्धि की जा रही है
•बजट में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से 125 सड़के 100 करोड़ की लागत से इस वर्ष बनाई जाएगी
•बजट में महापौर निधि से बड़े विकास कार्यों को वरीयता प्राथमिकता से पूरा किया जाएगा
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