इंदौर। पंचायतों से अधिक जोर शहर में नगर निगम चुनाव का रहेगा। महापौर के साथ-साथ 85 वार्ड पार्षदों का चुनाव भी पहले चरण में ही होना है। लिहाजा नगर निगम ने कड़ाई से आचार संहिता का पालन करने के चलते आयुक्त ने विभागीय बजट आवंटन रजिस्टर और कार्यादेश रजिस्टर जमा करवा लिए हैं, ताकि पुरानी तारीखों में भी आदेश जारी न हो सके, वहीं वित्तीय अधिकार भी स्थगित कर दिए हैं। दूसरी तरफ चुनाव संबंधी शिकायत प्राप्त करने और उसके निराकरण के लिए शिकायत सेल का गठन भी कलेक्टर ने कर दिया है।
शहरभर में विकास कार्यों से लेकर अधिकांश जिम्मेदारी नगर निगम की ही है और अभी से आरोप-प्रत्यारोप भी लगाए जाने लगे कि आचार संहिता का उल्लंघन किया जा रहा है। 41 माह से नगर निगम में चुनी हुई परिषद् नहीं है और प्रशासक काल ही चल रहा है। यानी अफसरों के हाथ में ही पूरी बागडोर रही। हालांकि इस दौरान स्वच्छता से लेकर कई मोर्चों पर निगम ने सफलता के डंके भी बजाए, क्योंकि राजनीतिक हस्तक्षेप कम रहा। अभी आयुक्त प्रतिभा पाल ने एक आदेश जारी करते हुए चुनाव के मद्देनजर आयोग द्वारा जो घोषणा की गई और आदर्श आचार संहिता का पालन करवाने की दृष्टि से निगम के समस्त विभागीय बजट आवंटन रजिस्टर और कार्यादेश रजिस्टर आयुक्त कार्यालय में जमा करवाने के आदेश जारी कर दिए और निर्वाचन अवधि में उक्त कार्रवाइयां पूरी तरह से स्थगित रहेंगी। पहले से मंजूर और चल रहे विकास कार्य ही होंगे। नए किसी भी कार्य के टेंडर या वर्कऑर्डर यानी कार्य आदेश जारी नहीं किए जा सकेंगे। इसी तरह आयुक्त ने अपर आयुक्त, उपायुक्त, सभी विभाग प्रमुखों और झोनल अधिकारियों को उनके विभाग से संबंधित बजट मदों के जो वित्तीय अधिकार दिए थे, वे भी स्थगित कर दिए हैं।
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