नई दिल्ली: 1 फरवरी 2024 (1 February 2024) को निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) अंतरिम बजट (interim budget) पेश करने जा रही हैं. हर बार बजट पेश करने से पहले इकोनॉमिक सर्वे (economic survey) पेश किया जाता है. इस बार सालों से चली आ रही परंपरा पर विराम लग गया है. इसकी जानकारी वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग (Department of Economic Affairs, Ministry of Finance) ने ट्वीट के जरिए दी है. बताया गया है कि सरकार इकोनॉमिक सर्वे चुनाव के बाद पेश होने वाले पूर्ण बजट में पेश किया जाएगा. अंतरिम बजट से पहले सर्वे नहीं पेश होंगे.
रिपोर्ट के मुताबिक, अगले वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर में तेजी देखने को मिल सकती है, जो 7 फीसदी के आस-पास बनी रह सकती है. रिपोर्ट बताती है कि पिछले 10 साल में सरकार द्वारा किए गए सुधार भारत की अर्थव्यवस्था में बूस्टर डोज की तरह काम कर रहे हैं. यही कारण है कि देश में निवेश तेज हुआ है. बाजार में मांग बनी हुई है. साथ ही फिजिकल और डिजिटल इंफ्रा के क्षेत्र में निवेश और मैन्यूफेक्चरिंग को बढ़ावा देने वाले उपायों पर काम हो रहा है. इससे देश की बैलेंस शीट मजबूत हो रही है. हाल के वर्षों में हुए तकनीकी सुधार देश की प्रगति में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं.
पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पेश की गई इकोनॉमिक सर्वे में बताया गया था कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनी रहेगी. अगले वित्त वर्ष 2023-24 में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट मामूली तौर पर घटेगी जरूर, लेकिन ये 6.5 प्रतिशत के स्तर पर बनी रहेगी. देश का आम बजट आने से ठीक पहले संसद में वित्त वर्ष 2022-23 की आर्थिक समीक्षा पेश की गई. देश की बड़ी आबादी को रोजगार देने वाले एग्रीकल्चर सेक्टर के बारे में आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि इसकी औसत वार्षिक वृद्धि दर 4.6 प्रतिशत रही है. जबकि 2021-22 में ये 3.3 प्रतिशत थी.
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