गुना। बढ़ती महंगाई परेशानी का सबब बन रही है। सरकार अधिकांश क्षेत्रों में बेहतर कार्य कर रही है। विश्व में भारत का मान भी बढ़ा है, किन्तु महंगाई पर लगाम लगना जरुरी है। गैस सहित अन्य वस्तुओं के दाम बढऩे से रसोई में हाहाकार मचा हुआ है, वहीं रोजगार के नए द्वार भी खुलने चाहिए। आत्मनिर्भर भारत का अभियान बेहतर है, इसके लिए सरकारी मदद भी जरुरी है। आम नागरिकों ने बात आज 01 फरवरी को प्रस्तुत होने वाले बजट को लेकर अपनी राय देते हुए कही।
सरकार जिस तरह काम कर रही है। उससे दुनिया में भारत का मान खासा बढ़ा है। पूरे विश्व आज भारत की तरफ आशा भरी नजरों से देख रहा है, किन्तु इस समय महंगाई परेशान कर रही है। सबसे ज्यादा खाद्य पदार्थ में। जिस पर लगाम लगना जरुरी है। अन्य जरुरी वस्तुओं के दामों में भी कमी आए। जिससे यह हर वर्ग की जेब में समा सके।
श्रीमती आशा रघुवंशी,समाजसेवी
–
सरकार का अब तक का हर बजट विकासशील रहा है। यह क्रम इस बार भी जारी रहेगा। आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए व्यवसाय और कारोबारियों को बढ़ाना देना चाहिए। इसके साथ ही महंगाई में भी कमी लाई जाए। खासकर रसोई गैस और खाद्य सामग्री के दाम कम होना चाहिए।
श्रीमती निक्की सोहेल, भाजपा नेत्री
चूंकि मैं खुद एक महिला हूँ। इसलिए जानती हूँ कि महंगाई किस तरह परेशान करती है। खाद्य पदार्थ के दाम काफी बढ़ चुके है, जिन्हे कम किया जाना चाहिए। सरकार हर क्षेत्र में काफी अच्छा कार्य कर रही है। जिससे लोग प्रसन्न है। ऐसे में अगर महंगाई से राहत मिल जाए तो सोने पर सुहागा हो जाएगा।
श्रीमती मनोरमा रघुवंशी,सामाजिक कार्यकर्ता
बजट से हर वर्ग को काफी उम्मीदें है। उम्मीद की जानी चाहिए कि यह उम्मीदें पूरी होंगी। हर वर्ग के लिए बजट कुछ लेकर आए। यहीं अपेक्षा है। कोरोना से जो समस्याएं पैदा हुई है। सरकार इस बजट में उन्हे दूर करने का प्रयास कर सकती है।
अमित सौेगानी, अध्यक्ष चैंबर्स ऑफ कॉमर्स
व्यवसाए पर कोरोना के कारण काफी संकट आया है। यह संकट दूर करने वाली योजनाएं बजट में आनी चाहिए। कारोबारियों को बढ़ावा देकर सरकार अर्थव्यवस्था को बेहतर कर सकती है। अन्य राहत भी व्यवसायियों को देनी चाहिए।
अमित अरोरा,होटल संचालक
घर का और देश का बजट समान होता है। हम जानते है कि आमदनी कम हो और खर्चे ज्यादा तो व्यवस्था बनाना, कितना मुश्किल होता है। महंगाई पर लगाम लगनी ही चाहिए। अगर ऐसा कर पाए तो हम जैसी गृहणियों को काफी मदद मिलेगी। घर चलाना आसान हो सकेगा।
श्रीमती भावना श्रीवास्तव,गृहिणी
सोने पर 2.5 प्रतिशत ड्यूटी बढ़ाना गलत है। इससे आमजन, किसान, मजदूर एवं निम्न वर्ग की पहुंच से सोना चांदी बहुत दूर हो जाएगा। जीएसटी से व्यापारी और उपभोक्ता दोनों ही परेशान हैं। यह टैक्स सिर्फ निर्माता पर ही होना चाहिए।
संतोष सोनी, ज्वैलर्स
–
पेट्रोल पंप एसोसिएशन को इस बजट से बहुत उम्मीद है। बजट में टैक्सेस कम किया जाए। आम पब्लिक पर सबसे अधिक भार पेट्रोल डीजल पर ही पड़ता है। कुल मिलाकर एक देश एक टैक्स जैसी व्यवस्था हो तो ठीक है।
विवेक सिंघल, संचालक पेट्रोल पंप
–
मैं ज्वैलरी इंडस्ट्री के इंटरप्रेन्योर होने के नाते समझता हूं कि हमारी यह इंडस्ट्री भारत की ग्रोथ मेंं गति प्रदान करती है। इसलिए इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। जीएसटी रिटर्न में भी अन्य रिटन्र्स की तरह रिटर्न रिवाइज की सुविधा अति आवश्यक है।
विवेक सोनी, ज्वैलर्स
–
आम बजट ऐसे समय पेश किया जाएगा, जब अर्थव्यवस्था के लिए हाल के दशकों में सबसे कठिन समय है। इसे तैयार करना वित्तमंत्री के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है। आयकर में पांच लाख से ऊपर आय वाले व्यक्ति को भी मार्जिनल रिवेट का लाभ होना चाहिए।
राजेश अग्रवाल, अध्यक्ष व्यापार एवं उद्योग महासंघ
–
केंद्रीय बजट में व्यक्तिगत अवं पार्टनरशिप फर्म में कार्यरत ठेकेदारों को भी कोर्पोरेट की तरह टैक्स रेट लगना चाहिए। चूकि राज्यों के पास आवंटन की अत्यधिक कमी रहती है इसलिए ज्यादा से ज्यादा योजनाएं केंद्र द्वारा वित्तपोषित होनी चाहिए।
राजेश गुप्ता, कॉन्ट्रेक्टर रनवे इन्फ्रास्ट्रक्टचर
–
मेरा वित्त मंत्री से अनुरोध है कि आगामी बजट में मोटर साइकलों पर जीएसटी की दर घटा कर 18 प्रतिशत की जाए। यह गरीब, मिडिल क्लास के उपयोग की जरूरी वस्तु है।
दर्शन सिंह बग्गा, व्यवसायी
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved