नई दिल्ली। आगामी बजट में केंद्र सरकार स्मार्टफोन्स, इलेक्ट्रॉनिक कम्पोनेन्ट और अप्लायंसेस समेत करीब 50 आइटम्स पर 5-10 फीसदी तक आयात शुल्क (Import Duty) बढ़ाने का ऐलान कर सकती है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने इस मामले से जुड़े लोगों के हवाले से इस बारे में जानकारी दी है।
सरकार द्वारा आयात शुल्क बढ़ाने का यह फैसला पीएम मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत होगा ताकि घरेलू मैन्युफैक्चरिंग (Domestic Manufacturing) को बढ़ावा मिल सके। एक सूत्र के हवाले से बताया गया कि सरकार के इस कदम के जरिए 200-210 अरब रुपये के अतिरिक्त रेवेन्यू का लक्ष्य रख रही है। कोरोना वायरस महामारी की वजह से आर्थिक सुस्ती के बीच सरकार के रेवेन्यू पर भी असर पड़ा है।
दो सरकारी सूत्रों ने बताया कि आयात शुल्क में इस बढ़ोतरी से फर्नीचर और इलेक्ट्रिक वाहनों के आयात पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। इससे स्वीडन की फर्नीचर कंपनी आइकिया (Ikea) और एलन मस्क (Elon Musk) की इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला पर असर पड़ेगा। हाल ही में टेस्ला ने भारत में आने को लेकर अपनी तैयारियों के बारे में जानकारी दी है। हालांकि, इन अधिकारियों ने यह जानकारी नहीं दी है कि इन फर्नीचर और इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात शुल्क में कितनी बढ़ोतरी होगी।
पहले भी टेस्ला और आइकिया – दोनों के अधिकारियों ने भारत में मौजूदा आयात शुल्क व्यवस्था को लेकर चिंता जाहिर की है। इसके अलावा, फ्रिज और एयर कंडीशनर पर आयात शुल्क बढ़ जाएगा। सूत्रों ने बताया कि इन प्रस्तावों को फाइनल करने से पहले कुछ बदलाव भी हो सकते हैं।
घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए पिछले कुछ समय में सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि भारत की लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए तरह के टैक्स लगाना अनिवार्य है। इससे घरेलू कारोबार को बढ़ावा मिल सकेगा। पिछले साल भारत ने फुटवियर, फर्नीचर, खिलौने, इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स समेत कई वस्तुओं पर 20 फीसदी तक आयात शुल्क बढ़ाया था।
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