बीजिंग। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वजह बयानबाजी नहीं बल्कि उनकी खास मूर्तियां (Statue) हैं जिन्हें चीन में बेचा जा रहा है। ऑनलाइन बेचीं जा रहीं इन मूर्तियों में ट्रंप को भगवान बुद्ध (Buddha) के रूप में दिखाया गया है। सफेद रंग की इन मूर्तियों में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति आंख बंद करके बैठे हैं और उनके हाथ सामने की तरफ हैं, बिल्कुल वैसे जैसे भगवान बुद्ध की प्रतिमाओं में होते हैं। गौर करने वाली बात यह है कि चीन (China) में इन मूर्तियों को काफी खरीदार भी मिल रहे हैं, जबकि ट्रंप अपने कार्यकाल में बीजिंग के खिलाफ बेहद मुखर रहे थे।
हमारी सहयोगी वेबसाइट WION में छपी खबर के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप की मूर्तियों (Statue) को चीनी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म जाओबाओ (Zaobao) पर बेचा जा रहा है, जिसका मालिकाना हक अलीबाबा समूह (Alibaba Group) के पास है। निर्माता द्वारा मूर्तियों को ‘मेक योर कंपनी ग्रेट अगेन’ स्लोगन के साथ बिक्री के लिए रखा गया है, जो चुनावी अभियान के दौरान ट्रंप के स्लोगन ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ से मिलता-जुलता है।
ट्रंप की मूर्तियों के दाम की बात करें तो, छोटे आकार (1.6 मीटर) वाली मूर्ति की कीमत 999 चीनी युआन या 150 डॉलर है। जबकि इससे बड़ी मूर्ति को 3,999 युआन या 610 डॉलर में बेचा जा रहा है। ज्यादातर लोग इन मूर्तियों को केवल अपने मनोरंजन के लिए खरीद रहे हैं। शुरुआत में केवल कुछ ही मूर्तियां तैयार की गई थीं, लेकिन मांग को देखते हुए प्रोडक्शन बढ़ा दिया गया है।
वैसे ये कोई पहला मौका नहीं है जब चीन की कमर्शियल वेबसाइट जाओबाओ ने डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर मुनाफा कमाने की रणनीति बनाई है। कुछ वक्त पहले उसने ऐसे टॉयलेट पेपर बाजार में उतारे थे, जिस पर ट्रंप का चेहरा प्रिंट था। ऐसे ही ट्रंप के ऑरेंज बालों वाला टॉयलेट ब्रश भी चीन में काफी लोकप्रिय हुआ था। इसके अलावा, कंपनी ने कुछ टी-शर्ट भी बिक्री के लिए रखीं थीं, जिन पर ट्रंप को लेकर तंज कसा गया था।
बतौर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के लिए कई मुश्किलें खड़ी कर दी थीं। खासकर कोरोना महामारी के बाद उन्होंने बीजिंग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए, उसकी कंपनियों पर शिकंजा कसा गया और चीन के शिनजियांग प्रांत से कुछ उत्पादों का आयात प्रतिबंधित किया गया, ताकि वीगर मुसलमानों पर चीन को घेरा जा सके। चीन में ट्रंप की मूर्ति खरीदने वालों का कहना है कि वे केवल मनोरंजन के लिए ऐसा कर रहे हैं। मूर्ति खरीदने का ये मतलब बिल्कुल नहीं हैं कि वे ट्रंप के प्रशंसक हैं।
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