लखनऊ. बसपा सुप्रीमो (BSP chief) मायावती (Mayawati) ने हाथरस भगदड़ (Hathras stampede) मामले की इन्क्वायरी के लिए गठित विशेष जांच दल (SIT) की रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं. मायावती ने एक्स (X) (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि SIT की यह रिपोर्ट घटना की गंभीरता के हिसाब से नहीं है, बल्कि राजनीति से प्रेरित ज्यादा है.
मायावती ने क्या कहा?
मायावती ने एक्स पर लिखा- “यूपी के हाथरस में सत्संग भगदड़ कांड में हुई 121 निर्दोष महिलाओं व बच्चों आदि की दर्दनाक मौत सरकारी लापरवाही का जीता-जागता प्रमाण है. लेकिन एसआईटी द्वारा सरकार को पेश रिपोर्ट घटना की गंभीरता के हिसाब से नहीं होकर राजनीति से प्रेरित ज्यादा लगती है, यह अति-दुःखद है.”
बसपा प्रमुख ने आगे लिखा- “इस अति-जानलेवा घटना के मुख्य आयोजक भोले बाबा की भूमिका के सम्बंध में एसआईटी की खामोशी भी लोगों में चिंताओं का कारण है. साथ ही उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के बजाय उसे क्लीनचिट देने का प्रयास खासा चर्चा का विषय है. सरकार जरूर ध्यान दे ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हो.”
SIT ने क्या कहा है अपनी रिपोर्ट में?
विशेष जांच दल (SIT) की रिपोर्ट में कहा गया है कि घटना के पीछे कार्यक्रम आयोजकों की लापरवाही मुख्य वजह है. साथ ही SIT ने स्थानीय प्रशासन को भी जिम्मेदार माना है. मालूम हो कि इस SIT की पूरी रिपोर्ट में कहीं भी नारायण साकार हरि/सूरजपाल उर्फ भोले बाबा का जिक्र नहीं है.
SIT का यह भी कहना है कि घटना में किसी साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता है. मगर गहराई से जांच की जरूरत है. SIT के मुताबिक, कार्यक्रम आयोजकों ने एकत्रित भीड़ के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं की थी. स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया और वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी नहीं दी. आयोजकों ने बिना पुलिस वेरिफिकेशन जिन लोगों को अपने साथ जोड़ा, उसकी वजह से अव्यस्था फैली .
फिलहाल, हाथरस हादसे में गठित की गई जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम, सीओ और तहसीलदार समेत 6 को निलंबित कर दिया गया है. SIT की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि आयोजक मंडल ने पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया और स्थानीय पुलिस को कार्यक्रम स्थल पर निरीक्षण से रोका गया.
गौरतलब है कि हाथरस के सिकंदराराऊ इलाके में बीती दो जुलाई को प्रवचन कर्ता हरि नारायण साकार विश्व हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ के सत्संग के समापन के दौरान भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई थी. दर्जनों लोग घायल भी हुए थे. पीड़ितों से मिलने खुद सीएम योगी हाथरस गए थे.
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