भूमाफियाओं एवं सहकारिता विभाग की मिलीभगत से पांच और खरीदार वर्षों से परेशान
इंदौर। शहर में गृह निर्माण सोसायटियों एवं सहकारिता विभाग (Co-operative Department) की सांठगांठ से एक-एक पाई जोडक़र वर्षों पहले भूखंड खरीदने वाले पात्र लोगों को अभी तक कब्जा नहीं मिल पाया है। सहकारिता विभाग कार्यालय के चक्कर काटते-काटते उनकी चप्पलें घिस गईं, पर अभी तक न्याय नहीं मिला है।
भूमाफियाओं (Land mafia) और सहकारिता विभाग के अफसरों के चंगुल में फंसे एक बीएसएनएल (BSNL)अधिकारी को प्रशासन की सक्रियता से 23 साल बाद भूखंड पर कब्जा मिला है। बीएसएनएल कार्यालय में सुपरिंटेंडेंट पद पर कार्यरत आरएस चौहान (RS Chauhan) ने वर्ष 1998 में देवी अहिल्या श्रमिक कामगार गृह निर्माण संस्था में सदस्य बनकर भूखंड खरीदा। भूखंड मिलने के बाद अधिकारी निश्चिंत हो गए, लेकिन जब वहां कब्जा करने गए तो पता चला कि यहां पास की कॉलोनी वालों ने आधा किलोमीटर के दायरे वाले में आने वाले उनके प्लॉट पर भी कब्जा कर लिया है। वर्ष 2012 में जब उन्होंने अपने प्लॉट पर कब्जा लेने की कोशिश की तो पता चला कि संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष जगदीश भावसार (Jagdish Bhavsar) को जेल हो गई है और प्रशासन ने सहकारिता विभाग के अधिकारी को रिसीवर नियुक्त किया है। रिसीवर ने इनके अलावा पांच अन्य लोगों के प्लॉट पर भी कब्जा करवा दिया। परेशान होकर उन्होंने भूखंड की आस ही छोड़ दी थी। इन दिनों कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) द्वारा भूमाफियाओं के खिलाफ अभियान चलाकर पात्र लोगों को प्लॉट पर कब्जा दिलाया जा रहा है। लड़ाई लड़ रहे अफसर को 23 वर्षों बाद सफलता मिली। इनके अलावा पांच अन्य भूखंड के खरीदार भी प्लॉट के लिए भटक रहे हैं। उन्होंने भी प्रशासन से गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द हमें भी प्लॉट पर कब्जा दिलाया जाए।
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