पेइचिंग। चीन में कोरोना वायरस के बाद अब ‘ ब्रुसेलोसिस’ नाम का बैक्टीरिया से संक्रमण का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। चीन के कई नए राज्यों में इस बैक्टीरिया से संक्रमित लोगों की तादात लगातार बढ़ रही है। चीनी अधिकारियों के अनुसार, इस बीमारी का पहला मामला पिछले साल जुलाई में एक बायोफार्मास्यूटिकल कंपनी में रिसाव के बाद सामने आया था। पिछले महीने ही गांसु प्रांत की राजधानी लान्चो के स्वास्थ्य आयोग ने बताया था कि अबतक 3,245 लोग इस बैक्टीरिया से संक्रमित हो चुके हैं।
हाल के दिनों में चीन के गांसु प्रांत, शाक्सनी प्रांत और इनर मंगोलिया में बैक्टीरियल ब्रुसेलोसिस के कई मामलों की पुष्टि हुई है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह रोग कुछ हफ्तों, महीनों या वर्षों तक रह सकता है। इस बीमारी से संक्रमित मरीज को पसीने के साथ-साथ जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होता है। सितंबर की शुरुआत में चीनी मीडिया ने बताया था कि उत्तर-पश्चिमी चीन के सबसे बड़े बच्चों के अस्पताल में पांच बच्चे इस बीमारी से संक्रमित हुए हैं।
ब्रुसेलोसिस एक जूनोटिक रोग है जो पशुओं और कुत्तों सहित जानवरों को प्रभावित करता है। अगर इसके सीध संपर्क में इंसान आते हैं तो यह बैक्टीरिया उन्हें भी संक्रमित कर सकता है। यह बीमारी संक्रमित पशु का दूध पीने या मीट खाने से भी मनुष्य में फैलती है। इस बीमारी से ग्रसित होने वाले इंसान को ठंड लगकर बुखार आता है। बहुत अधिक कमजोरी और थकान के कारण मरीज अचानक से चक्कर आकर बेहोश भी हो जाता है।
अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेन्शन (CDC) के मुताबिक इन्फेक्शन होने पर कुछ लक्षण लंबे वक्त के लिए रह सकते हैं जबकि कुछ ऐसे भी हो सकते हैं कि कभी पूरी तरह से जाएं ही ना, जैसे अर्थराइटिस या किसी अंग में सूजन। चीनी प्रशासन ने पाया है कि बायोफार्मासूटिकल प्लांट ने एक्सपायर हो चुके डिसइन्फेक्टेंट का इस्तेमाल किया था। यहां Brucell वैक्सीन बनाई जा रही थीं। इसकी वजह से फैक्ट्री के एग्जॉस्ट से बैक्टीरिया कभी पूरी तरह से साफ ही नहीं हुआ।
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