हैदराबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना में बीआरएस सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा, राज्य आंदोलन के दौरान उन्होंने एक दलित को मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया था, लेकिन राज्य के गठन के बाद मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने हर दलित की आकांक्षाओं को कुचलकर सीएम की कुर्सी पर कब्जा कर लिया। बीआरएस दलित विरोधी है और कांग्रेस भी उससे कम नहीं है। मोदी ने कहा, राजनीतिक दलों और नेताओं ने मडिगाओं (एससी जाति) से वादे किए और अतीत में उन्हें धोखा दिया। मैं उनके पापों के लिए माफी मांग रहा हूं।
पीएम मोदी ने शनिवार को कहा कि केंद्र जल्द ही एक समिति बनाएगा जो अनुसूचित जातियों के वर्गीकरण की मांग के संबंध में मडिगाओं को सशक्त बनाने के लिए सभी संभावित तरीके अपनाएगी। वह यहां मडिगा आरक्षण पोराटा समिति द्वारा आयोजित एक रैली में बोल रहे थे, जो मडिगा समुदाय का एक संगठन है। यह समुदाय तेलुगू राज्यों तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में अनुसूचित जाति के सबसे बड़े घटकों में से एक है।
एमआरपीएस पिछले तीन दशकों से इस आधार पर एससी के वर्गीकरण के लिए संघर्ष रहा है कि आरक्षण और अन्य का लाभ उन तक नहीं पहुंचा है। पीएम मोदी ने कहा कि भाजपा पिछले तीन दशकों से हर संघर्ष में उनके साथ खड़ी है।
हम इस अन्याय को जल्द से जल्द खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं
उन्होंने कहा, ‘हम इस अन्याय को जल्द से जल्द खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं… हमारा वादा है कि हम जल्द ही एक समिति का गठन करेंगे जो आपको सशक्त बनाने के लिए हर संभव तरीके अपनाएगी। आप और हम यह भी जानते हैं कि एक बड़ी कानूनी प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट में चल रही है, हम आपके संघर्ष को सही मानते हैं।’
उन्होंने आगे कहा, ‘हम न्याय सुनिश्चित करेंगे। यह भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है कि आपको अदालत में भी न्याय मिले। भारत सरकार पूरी ताकत के साथ आपके सहयोगी के रूप में न्याय के पक्ष में खड़ी रहेगी।’
गरीब कल्याण, वंचितों को वरीयता देने वाली सरकार
रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आजादी के बाद आपने देश में कई सरकारें देखी हैं। हमारी सरकार ऐसी है, जिसकी सर्वोच्च प्राथमिकता गरीब कल्याण, वंचितों को वरीयता देना है। भाजपा जिस मंत्र पर चलती है वह सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास है। पूर्व की सरकारों ने गरीबों, दलितों की अनदेखी की।
कांग्रेस ने दो बार आंबेडकर को चुनाव नहीं जीतने दिया
मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, उसने दो बार बीआर आंबेडकर को चुनाव नहीं जीतने दिया। सबसे पुरानी पार्टी ने संसद में बाबा साहेब की तस्वीर नहीं लगाई थी। इस सबसे पुरानी पार्टी के कारण ही संविधान निर्माता बीआर आंबेडकर को दशकों तक भारत रत्न नहीं दिया गया और यह केंद्र में भाजपा समर्थित सरकार बनने के बाद ही संभव हो सका।
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