नई दिल्ली (New Dehli) । लोकसभा चुनाव 2024(lok sabha election 2024) में तीन से चार महीने का वक्त और बचा है, लेकिन इंडिया गठबंधन (india alliance)में अभी सीट बंटवारे को लेकर कोई आम सहमति(Agreement) नहीं बन सकी है. विपक्षी गठबंधन में शामिल दलों की अपनी-अपनी महत्वकांक्षाएं हैं और शायद इसीलिए इंडिया गठबंधन में सीटों को लेकर अंतिम निर्णय नहीं हो पा रहा है. यूपी, बिहार, महाराष्ट्र की बात करें तो अकेले इन्हीं तीन राज्यों से लोकसभा की 168 सीटें आती हैं. इंडिया ब्लॉक इन राज्यों में भी सीट शेयरिंग फार्मूला तैयार नहीं कर सका है.
अगर बिहार की बात करें तो इस राज्य में अभी राजनीति का संक्रमण काल चल रहा है. संक्रांति के बाद काफी कुछ राजनीतिक हलचल होने की संभावना है. सभी पार्टियां एक-दूसरे को परखने और चाल समझने में लगी हैं. इन सबके बीच शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार से फोन पर बात की है. इनके बीच हुई बातचीत से लगता है कि इंडिया गठबंधन को एकजुट रखने का दारोमदार इन्हीं दोनों नेताओं पर है.
‘प्राण प्रतिष्ठा के बाद हो सकती है चुनावों की घोषणा’
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उद्धव ठाकरे ने फोन पर नीतीश कुमार से कहा, ‘भाई ऐसे कैसे चलेगा? अभी तक हम लोगों ने कुछ नहीं किया. हमारी कोई रैली नहीं हुई, कोई संयोजक नहीं बना. सीट शेयरिंग की कोई बातचीत नहीं आगे बढ़ रही है’. नीतीश ने इसके जवाब में कहा, ‘हां, ऐसा तो है और 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम के मंदिर में जो प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है, उसके बाद हो सकता है कि देश में आम चुनावों की घोषणा हो जाए. तो ऐसे में अब हमारे पास समय बचा कहां है? समय है ही नहीं’.
उद्धव ठाकरे ने नीतीश कुमार से कहा कि हमें ही कुछ आगे करने की जरूरत है. क्योंकि कांग्रेस की तरफ से जो संकेत मिलने चाहिए, चीजों को आगे बढ़ाने के लिए जो पहल होनी चाहिए, वह हो नहीं रहा. इस पर नीतीश कुमार ने कहा, ‘मैं इसके लिए तैयार हूं’. इसके बाद से ही वर्चुअल मीटिंग कराने और नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन का संयोजक बनाने की बात होने लगी. अगर नीतीश कुमार संयोजक बन भी जाते हैं, तो अब समय कहां है? वह पूरे देश में कहां घूम पाएंगे. वह माहौल बनाने के लिए ऐसा करना चाहते थे. लेकिन अब तक एक रैली भी नहीं हो सकी है.
इंडिया गठबंधन को अपने फैसलों में लानी होगी तेजी
इंडिया गठबंधन में एकजुटता है यह दिखाने के लिए जो चीजें होनी चाहिए, नहीं हो रही हैं. कह सकते हैं कि कांग्रेस पार्टी इस गठबंधन का इंजन है. इस इंजन के ड्राइवर राहुल गांधी हैं. अब जरूरत है कि वह एक्सीलेटर दबाएं, गियर बदलें, तब चीजें तेजी से आगे बढ़ सकती हैं. कांग्रेस सीट बंटवारे पर आगे नहीं आ रही है, जिसकी वजह से तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे है. अब समय भी बहुत कम है. कयासबाजी लगाने के लिए वक्त नहीं बचा है. अगर 2024 में बीजेपी के सामने कोई भी चुनौती पेश करनी है तो इंडिया गठबंधन को अपने फैसलों में तेजी लानी होगी.
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