नई दिल्ली । ब्रिटेन के पीएम (British PM) बोरिस जानसन (Boris Johnson) इस बार गणतंत्र दिवस पर भारत के राजकीय मेहमान (special guest) होंगे । पिछले दिनों जानसन के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वयं उन्हें इसका आमंत्रण दिया था। सूत्रों के अनुसार ब्रिटिश सरकार ने इस आमंत्रण पर अपनी स्वीकृति दे दी है।
उल्लेखनीय है मोदी व जानसन के बीच 27 नवंबर को बातचीत हुई थी जिसमें कोविड-19 महामारी, पर्यावरण व द्विपक्षीय कारोबार जैसे मुद्दों पर खास तौर पर चर्चा हुई थी। माना जा रहा है कि कोरोना महामारी ने जिस तरह से वैश्विक कूटनीति और अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है उसके मद्देनजर दोनों देश आपसी रिश्तों को नई दिशा देने पर विचार कर रहे हैं। बातचीत में पीएम ने उन्हें गणतंत्र दिवस पर भारत आने का न्योता दिया।
गौरतलब है कि अंतिम बार वर्ष 1993 में ब्रिटेन के पूर्व पीएम जॉन मेजर गणतंत्र दिवस पर राजकीय मेहमान बने थे। वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद पीएम मोदी हर वर्ष वैश्विक कूटनीति के दमदार शख्सियतों को गणतंत्र दिवस पर राजकीय मेहमान के तौर पर आमंत्रित करते रहे हैं। मोदी व जॉनसन के बीच 27 नवंबर को बातचीत हुई थी जिसमें कोविड-19 महामारी, पर्यावरण व द्विपक्षीय कारोबार जैसे मुद्दों पर खास तौर पर चर्चा हुई थी।
माना जा रहा है कि कोविड-19 महामारी ने जिस तरह से वैश्विक कूटनीति और अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है, उसके मद्देनजर दोनों देश आपसी रिश्तों को नई दिशा देने पर विचार कर रहे हैं। ऐसे में जॉनसन का बतौर राजकीय मेहमान भारत के आधिकारिक दौरे पर आने से ना सिर्फ द्विपक्षीय रिश्तों में मौजूदा शिथिलता को दूर किया जा सकेगा, बल्कि बदलते परिवेश के तहत नए लक्ष्य भी तय किये जा सकेंगे।
बतादें कि भारत व ब्रिटेन के बीच अभी दो सबसे अहम मुद्दे हैं, जिस पर बेहद गंभीर विमर्श की जरूरत है। हिंद-प्रशांत सागर क्षेत्र में दोनों देशों को आपसी साझेदारी की राह निकालनी है तो दूसरा, मुक्त व्यापार क्षेत्र को लेकर बातचीत शुरू करनी है।फरवरी, 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के बाद किसी भी दूसरे वैश्विक नेता ने भारत की यात्रा नहीं की है।
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