लंदन (London) । एक ब्रिटिश सांसद (British MP) ने अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) की प्राण प्रतिष्ठा पर बीबीसी (BBC) की कवरेज की कड़ी आलोचना की है. कंजर्वेटिव सांसद बॉब ब्लैकमैन ने गुरुवार को हाउस ऑफ कॉमन्स में कहा, “पिछले हफ्ते भारत के उत्तर प्रदेश में भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की गई. इससे दुनिया भर के हिंदुओं को बहुत खुशी हुई.”
उन्होंने आगे कहा, “लेकिन अफसोस की बात है कि बीबीसी ने बताया कि यह एक मस्जिद के विनाश का स्थान था. बीबीसी यह भूल गया कि यहां मस्जिद से पहले 2,000 से अधिक वर्षों तक एक मंदिर था, और मुसलमानों को शहर के नजदीक पांच एकड़ की जगह आवंटित की गई थी, जिस पर वे एक मस्जिद बना सकते थे.”
उन्होंने “बीबीसी की निष्पक्षता और दुनिया भर में क्या चल रहा है इसका एक सभ्य रिकॉर्ड प्रदान करने में उसकी विफलता” पर बहस की मांग की. हाउस ऑफ कॉमन्स के नेता पेनी मोर्डौंट ने जवाब दिया कि हाल ही में बीबीसी की समीक्षा में बहुत महत्वपूर्ण “मुद्दे” उठाए गए थे.
बीबीसी को इस घटना पर एक ऑनलाइन लेख के बारे में इतनी सारी शिकायतें मिलीं कि उसने एक प्रतिक्रिया प्रकाशित की जिसमें कहा गया था, “कुछ पाठकों ने महसूस किया कि लेख हिंदुओं के खिलाफ पक्षपाती था और इसमें भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल किया गया था. उन्होंने हमारे द्वारा शीर्षक में यह रिपोर्ट करने पर भी आपत्ति जताई कि मंदिर 16वीं सदी की मस्जिद की जगह पर बनाया गया था, जिसके बारे में हमने बताया कि 1992 में हिंदू भीड़ ने इसे तोड़ दिया था. हमारा मानना है कि जो कुछ हुआ उसका निष्पक्ष और सटीक विवरण होना चाहिए. हम इस बात से सहमत नहीं हैं कि यह लेख हिंदुओं का अपमान कर रहा था.”
इनसाइट यूके ने बीबीसी, ऑफकॉम और हाउस ऑफ लॉर्ड्स को एक पत्र लिखा है जिसमें बीबीसी के “हिंदुओं के खिलाफ पक्षपातपूर्ण कवरेज” की आलोचना की गई है. इसमें कहा गया है कि बीबीसी का लेख यह उल्लेख करने में विफल रहा कि एक मुस्लिम पुरातत्वविद् ने मस्जिद के नीचे राम मंदिर की खोज की थी और उसे भी छोड़ दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट द्वारा हिंदुओं को जमीन देने के सर्वसम्मत फैसले का हिस्सा मुस्लिम भी थे.
23 जनवरी को राम मंदिर के अभिषेक के बारे में बीबीसी रेडियो 4 टुडे पर भाजपा नेता स्वपन दासगुप्ता का साक्षात्कार होने के बाद, उन्होंने एक्स पर लिखा था, “पहले, बीबीसी समता का दिखावा करने की कोशिश करता था. अब, यह हिंदू भावनाओं के प्रति अपने तिरस्कार को छिपाने की कोशिश भी नहीं कर रहा है.” गौरतलब है कि अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी.
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