नई दिल्ली. ब्रिटेन (Britain) के कई ब्रिटिश शहरों में एक बार फिर हिंसक प्रदर्शन हुए हैं जिसमें कई पुलिसकर्मी (Policeman) घायल हुए हैं और संपत्ति को नुकसान (Damage to property) पहुंचा है. यह देश में 13 साल में सबसे बड़ा दंगा (The biggest riot) बताया जा रहा है. हिंसा की यह आग तब भड़की जब उत्तर-पश्चिमी इंग्लैंड में तीन बच्चियों की चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई.
पुलिस अधिकारी हुए घायल
हिंसा के बीच पूर्वी तट के शहर हल (Hull) में एक जूते की दुकान में आग लगा दी गई, जबकि दक्षिण-पश्चिमी शहर ब्रिस्टल में घुड़सवार पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई है. हल में तैनात अधिकारियों ने बताया कि चार लोगों को गिरफ्तार किया गया और बोतलें फेंके जाने वाले विरोध प्रदर्शनों से निपटने के दौरान तीन अधिकारी घायल हो गए.
अफवाह से भड़क गए उपद्रवी
बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारी सोशल मीडिया पर फैलाई गई इस अफवाह से भड़के हुए थे कि सोमवार को चाकूबाजी की घटना में शामिल आरोपी इस्लाम से जुड़ा था. हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि 17 साल का संदिग्ध चाकूबाज, जिसे हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, उसका इस्लाम से कोई संबंध नहीं है. लेकिन इसके बावजूद अप्रवासी विरोधी और मुस्लिम विरोधी प्रदर्शनकारी रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं और लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. हिंसक प्रदर्शनों के दौरान आगजनी और लूटपाट भी जमकर हो रही है.
आरोपी रुदाकुबाना पर 9 वर्षीय एलिस डेसिल्वा अगुइर, 7 वर्षीय एल्सी डॉट स्टैनकॉम्ब और 6 वर्षीय बेबे किंग की हत्या के लिए हत्या का आरोप है. इसके अलावा उस पर हत्या के प्रयास के 10 मामले भी दर्ज हैं.
लिवरपूल पुलिस ने शनिवार को बताया कि शहर के केंद्र में पैदा हुई “गंभीर अव्यवस्था” को संभालने के दौरान कई अधिकारी घायल हुए हैं. वहीं हल में बोतल फेंकने से जुड़े विरोध प्रदर्शनों को संभालने के दौरान चार लोगों को गिरफ़्तार किया गया और तीन अधिकारी घायल हो गए.
पुलिस ने देश भर में मस्जिदों को अपनी सुरक्षा बढ़ाने की सलाह दी गई है, और पुलिस ने अतिरिक्त अधिकारियों के साथ अपनी मौजूदगी बढ़ा दी है. प्रदर्शनकारी “बस बहुत हो गया”, “हमारे बच्चों को बचाओ” और “नावों को रोको” जैसे नारे लगा रहे थे. इसके अलावा कई विरोध प्रदर्शन ऑनलाइन भी आयोजित किए गए हैं.
पिछले हफ्ते हुई हिंसा में 39 पुलिस अधिकारी जख्मी हुए थे, जिसमें से 27 को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. आठ पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आई और तीन पुलिस डॉग भी घायल हुए थे.
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