वाशिंगटन। यूक्रेन सीमा पर रूसी सैनिकों के जमावड़े के बीच ब्रिटेन ने यूक्रेन को भेजे टैंक विरोधी हथियारों पर सशस्त्र बलों को प्रशिक्षण के लिए 30 सैनिकों का समूह क्षेत्र में भेजा है। इसके अलावा ताजा जानकारी के मुताबिक बाल्टिक देशों ने भी रूस को चेतावनी देते हुए सेना भेजने की धमकी दी है।
उधर, राष्ट्रपति जो बाइडन ने दोहराया कि यदि यूक्रेन पर हमला हुआ तो रूस को बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। वहीं अमेरिकी संसद में द्विदलीय समूह ने यूक्रेन से समझौते के लिए राष्ट्रपति को अधिकृत करने संबंधी बिल पेश किया है। ये सभी हालात यूक्रेन के समुद्री क्षेत्र में संकट बढ़ा रहे हैं।
ब्रिटिश मीडिया के मुताबिक, यूक्रेन में सैन्य उड़ानों से जिन सैनिकों को भेजा गया है वह सेना के विशेष ऑपरेशंस ब्रिगेड का हिस्सा है। ब्रिटिश रक्षामंत्री बेन वॉलेस ने संसद को बताया कि हमने लाइट-आर्मर रक्षात्मक हथियार प्रणालियों के एक बैच के साथ यूक्रेन को यूक्रेन को इनकी आपूर्ति का निर्णय लिया है। इस फैसले में यूक्रेनी कर्मचारियों को हथियार संचालन के लिए प्रशिक्षण भी शामिल है।
दूसरी तरफ, अमेरिकी सीनेटरों के एक द्विदलीय समूह ने राष्ट्रपति को यूक्रेन के साथ भूमि-पट्टा समझौता करने और उसे घातक हथियार देने के लिए अधिकृत करने संबंधी बिल पेश किया है। सीनेटर जॉन कॉर्निन ने कहा कि यह बिल यूक्रेन की रक्षा को मजबूत करने और निर्दोष नागरिकों की रक्षा सुनिश्चित करेगा।
अमेरिका ने रूस की मदद करने वाले यूक्रेनी अफसरों पर लगाया प्रतिबंध
अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने यूक्रेन के चार अफसरों पर नए प्रतिबंध लगा दिए हैं। इन पर आरोप है कि वे यूक्रेन पर हमला करने में रूस की मदद कर रहे हैं। इनमें से दो अफसर- तारास कोजक और ओलेह वोलोशिन संसद के वर्तमान सदस्य हैं और दो अन्य पूर्व सरकारी अधिकारी हैं। अमेरिकी वित्त मंत्रालय के अनुसार, ये चारों रूस की खुफिया एजेंसी एफएसबी के साथ मिलकर गलत सूचनाएं फैलाने में शामिल हैं।
बाल्टिक देशों ने चेताया
बाल्टिक राज्यों एस्तोनिया, लात्विया और लिथुआनिया ने यूक्रेन सीमा पर सैनिकों की तैनाती को लेकर रूस को चेताते हुए धमकी दे डाली है। इन देशों ने का कहना है कि वह टैंक-रोधी और विमान-रोधी मिसाइलें भेजेंगे ताकि रूसी की ओर से होने वाले किसी भी आक्रमण पर यूक्रेन खुद का बचाव कर सके।
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