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बेलारूस की हजारों प्रवासियों को यूरोप में धकेलने की कोशिश, ब्रिटेन-पोलैंड ने भेजीं सेनाएं

November 13, 2021

मिंस्का/वारसा। बेलारूस और पोलैंड की सीमा(Belarus and Poland border) पर हजारों शरणार्थी व प्रवासी (refugees and migrants) और हथियारबंद सैनिक (armed soldiers) इस समय आमने-सामने हैं। बेलारूस (Belarus) से यह प्रवासी पोलैंड ( Poland) के जरिए यूरोपीय संघ (The European Union) में घुसना चाहते हैं। इनमें से कई भटक गए हैं तो कुछ सीमा की कंटीली बाड़बंदी फांद रहे हैं। उन्हें पोलैंड (Poland) के सैनिक रोक रहे हैं।
रूस (Russia) ने परमाणु हमले (nuclear attack) में सक्षम युद्ध विमान भेजे हैं और सीमा के पास पैराट्र्रूपर्स उतारकर बेलारूसी सेना (Belarusian army) के साथ युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है। दूसरी तरफ पोलैंड की मदद के लिए यूरोपीय संघ और ब्रिटेन ने भी सैनिक भेजे हैं।



इस सबके बीच अमेरिका ने चेताया कि रूस के इरादे पड़ोसी देश यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में 2014 का क्रीमिया जैसा एक और सैन्य ऑपरेशन अंजाम देने के हैं। उसने कई सैटेलाइट तस्वीरें जारी कीं, जिनमें पूर्वी यूक्रेन सीमा पर रूसी सैनिक, टैंक, आर्टिलरी आदि भारी संख्या में नजर आ रहे हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि रूस का इस सबसे कोई मतलब नहीं है, वह केवल सीमा पर अपनी सुरक्षा पुख्ता रखे हुए है।

पोलैंड और यूक्रेन ने सीमा पर बढ़ाई तैनाती
पोलैंड के रक्षामंत्री मारियूज ब्लासजेजक ने बताया कि उन्हाेंने 15000 सैनिक सीमा पर लगा रखे हैं। ब्रिटिश सेना के इंजीनियर भी तैनात हो चुके हैं। ईयू ने बेलारूस से घुसपैठ को पागलपन बताया और कहा कि निर्दोष नागरिकों का हथियार की तरह उपयोग किया जा रहा है। रूसी हमले की चेतावनी के बाद यूक्रेन ने भी 8,500 सैनिक सीमा पर लगाए हैं।

तानाशाह की धमकी, यूरोप की गैस सप्लाई रोकेगा
पोलैंड की चिंता का सबब बने बेलारूस के तानाशाह अलेक्सांद्र लुकाशेंको ने बृहस्पतिवार को कहा कि यूक्रेन द्वारा प्रवासियों को हथियार पहुंचाए जा रहे हैं। इससे कभी भी खूनी संघर्ष शुरू हो सकता है। उसने यूरोप को चेताया कि वह रूस से आ रही गैस लाइन बाधित कर सकता है। इससे कड़ी सर्दी में यूरोपीय लोगों को अपने घर गर्म रखना मुश्किल हो जाएगा।

क्या है सारा संकट, इन 5 बिंदुओं में जानिए घटनाक्रम

बेलारूस में तानाशाही
अगस्त 2020 में अलेक्सांद्र लुकाशेंको छठवीं बार बेलारूस के राष्ट्रपति बने। विपक्ष और पश्चिमी देशों ने चुनाव को फर्जी करार दिया। प्रदर्शनों को पुलिस ने कुचला। 35000 लोग गिरफ्तार किए गए। यूरोपीय संघ और अमेरिका ने प्रतिबंध लगाए।

पत्रकार गिरफ्तार
मई में ग्रीस से लिथुआनिया जा रही उड़ान मिंस्क में उतरवा कर लुकाशेंको विरोधी पत्रकार रेमन प्रतावेसिच को गिरफ्तार किया। ईयू ने इसे हवाई लुटेरों की कार्रवाई बताकर बेलारूस की उड़ानों पर प्रतिबंधों के साथ कई निर्यात रोक दिए।

प्रवासी इकट्ठे किए
गुस्साए लुकाशेंको ने तुर्की से ईराक, सीरिया व अन्य अशांत देशों के हजारों प्रवासियों को लाकर पोलैंड, लिथुआनिया और लातविया से लगती सीमा पर पहुंचाया। इन लोगों को बेलारूस सरकार की पर्यटन एजेंसियों ने भारी रकमें लेकर वीजा तक दिए।

लुकाशेंकों पर हाईब्रिड युद्ध का आरोप
ईयू का आरोप है कि लुकाशेंको ने प्रवासियों को हथियार की तरह उपयोग कर हाईब्रिड युद्ध शुरू कर दिया है। ईयू देशों के बीच आवाजाही के लिए विशेष दस्तावेजों की जरूरत नहीं होती। प्रतिबंधों का बदला लेने के लिए बेलारूस प्रवासी घुसा रहा है।

हजारों लोग सीमाओं पर फंसे
20 हजार तक प्रवासी बेलारूस से पोलैंड, लिथुआनिया और लातविया में घुसने की कोशिश कर रहे हैं। वे बर्फीली सर्दी में कंटीले तारों के सामने बेहद छोटे टेंट या खुले में रुके हैं। रूस यहां की सरकार को वित्तीय व राजनीतिक सहयोग दे रहा है।

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