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    Britain: नई सरकार बनाने के लिए शपथ लेंगी लिज ट्रस, आज महारानी को इस्तीफा सौपेंगे जॉनसन

  • September 06, 2022

    लंदन। सत्ताधारी कंजरवेटिव पार्टी (ruling conservative party) में नेता पद की दौड़ विदेश मंत्री लिज ट्रस (Foreign Minister Liz Truss) (47) ने जीत ली है। उन्होंने पूर्व वित्तमंत्री भारतीय मूल के ऋषि सुनक (Rishi Sunak) को कड़े संघर्ष में पराजित किया। अब वह प्रधानमंत्री पद (prime ministership) संभालेंगी। उनके सामने महंगाई, औद्योगिक अशांति और देश में मंदी की आशंका से निपटने की चुनौतियां होंगी। जुलाई में देश में मुद्रास्फीति की दर (rate of inflation) 10.1 फीसदी जा पहुंची है।

    लिज ट्रस की जीत की घोषणा के साथ ही सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कई स्कैंडल में फंसने के बाद जुलाई में प्रधानमंत्री पद छोड़ने की घोषणा करने वाले वर्तमान प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (boris johnson) मंगलवार को स्कॉटलैंड जाकर महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को औपचारिक रूप से अपना त्याग-पत्र सौंपेंगे। ट्रस भी उनके साथ होंगी। महारानी उन्हें सरकार बनाने के लिए शपथ दिलाएंगी। सात सितंबर को वह हाउस ऑफ कॉमन्स में पहली बार प्रधानमंत्री के तौर पर जाएंगी।

    अपने चुनाव प्रचार के दौरान लिज ट्रस ने टैक्स बढ़ोतरी वापस लेने और अन्य वसूली में तत्काल कटौती, महंगाई पर काबू पाने और पद संभालने के एक सप्ताह के भीतर ऊर्जा की बढ़ती कीमतों जैसी समस्याओं का समाधान पेश करने का वादा किया था। हालांकि कुछ अर्थशास्त्रियों का कहना है कि पहले से ही विकराल हो चुकी मुद्रास्फीति की समस्या टैक्स कटौती के बाद और गंभीर हो सकती है।


    राष्ट्रपति की तरह चलाएंगी शासन
    लिज ट्रस के एक करीबी सूत्र का कहना है कि उनका मंत्रिमंडल सशक्त होगा, लेकिन मंत्रियों को फैसले लेने के लिए उनकी सलाह जरूरी होगी। यानी उनका शासन करने का अंदाज राष्ट्रपति प्रणाली जैसा होगा। हालांकि उन्हें ऋषि सुनक को समर्थन देने वाले पार्टी के सांसदों का विश्वास हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की जरूरत होगी। सरकारी थिंक टैंक संस्थान का कहना है कि ट्रस की कमजोरी यह है कि वह पार्टी सांसदों की पहली पसंद नहीं हैं।

    प्रधानमंत्री निवास से आज करेंगी संबोधन
    महारानी के पद की शपथ दिलाने के बाद ट्रस लंदन लौटेंगी। यहां प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास 10, डाउनिंग स्ट्रीट से उनका देश के लिए पहला भाषण होगा। शाम करीब चार बजे वह अपने मंत्रिमंडल का चुनाव करेंगी। इन मंत्रियों को महारानी वर्चुअली शपथ दिलाएंगी। इसके बाद विभागाध्यक्ष मंत्रियों को उनकी मुहर सौंपने की रस्म अदा करेंगे।

    दो दशक में सबसे कम वोटों से जीतीं
    लिज की बड़ी जीत की भविष्यवाणियां खरी नहीं उतरीं। ऋषि सुनक ने उन्हें कड़ी टक्कर दी। 2021 के बाद वह पहली ऐसी प्रधानमंत्री हैं, जिन्हें अपनी पार्टी के मतदाताओं के 60 फीसदी से कम का समर्थन मिला है। लिज के खाते में केवल 57 फीसदी वोट आए, जबकि 2019 में प्रधानमंत्री पद के लिए जॉनसन को 66.4 फीसदी पार्टी सदस्यों ने चुना था। 2005 में डेविड कमरून को 67.6 और 2001 में डंकन स्मिथ को 60.7 प्रतिशत वोट मिले थे।

    वोटों का अंकगणित
    कुल अर्ह वोटर : 1,72,437
    वोटिंग प्रतिशत : 82.6
    लिज ट्रस : 81,326
    ऋषि सुनक : 60,399
    रद्द किए गए वोट : 654

    भाई ने कहा, हार के डर से छोड़ देती थीं खेल
    लिज ट्रस के भाई ने एक इंटरव्यू में कहा था कि लिज ट्रस को हार बेहद नापसंद है। बचपन में जब वह हमारे साथ खेलती थीं तो हार की नौबत आते देखकर खेल ही छोड़ देती थीं। हालांकि बाद में उनमें काफी सुधार आया।

    ऋषि सुनक ने समर्थकों को दिया धन्यवाद
    देश की तीसरी महिला प्रधानमंत्री बनने वाली लिज ट्रस को पार्टी के 57.4 तो ऋषि सुनक को 52.6 फीसदी वोटरों का समर्थन मिला। हार के बाद ऋषि ने ट्विटर पर उनका समर्थन करने वाले पार्टी सदस्यों को धन्यवाद दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि कंजरवेटिव पार्टी एक परिवार है। अब हम सब नई प्रधानमंत्री के साथ एकजुट हैं, जो देश को संकट से निकालने की चुनौती का सामना कर रही हैं।

    हम करेंगे, हम करेंगे, हम करेंगे : ट्रस
    जीत की सूचना मिलने के बाद लिज ट्रस ने पहली प्रतिक्रिया में कहा, हम करेंगे, हम करेंगे, हम करेंगे। मैं ऊर्जा संकट का हल निकालूंगी और लोगों के बिल कम करूंगी। उन्होंने ऋषि सुनक और पद छोड़ने वाले बोरिस जॉनसन को धन्यवाद देते हुए उनकी उपलब्धियों को सराहा। उन्होंने कहा कि आप व्लादिमिर पुतिन के मुकाबले तनकर खड़े हुए। पूरी दुनिया में आपकी प्रशंसा हुई।

    पीएम मोदी बोले : आपके नेतृत्व में और मजबूत होंगे भारत-ब्रिटेन संबंध
    भारत के प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने ब्रिटेन की अगली प्रधानमंत्री चुने जाने पर लिज ट्रस को बधाई दी है। उन्होंने विश्वास जताया कि उनके समय में दोनों देशों के रिश्ते और मजबूत होंगे। लिज को किए ट्वीट में उन्होंने कहा, पूरा विश्वास है कि आपके नेतृत्व में भारत-ब्रिटेन के व्यापक रणनीतिक रिश्ते और ज्यादा मजबूत होंगे। आपको नई भूमिका और जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए शुभकामनाएं।

    पिता ने भी कर दिया था चुनाव प्रचार से इन्कार
    रूढ़िवादियों यानी कंजर्वेटिव पार्टी से प्रधानमंत्री बन रहीं लिज के अनुसार, उनके माता-पिता लेबर पार्टी पार्टी से जुड़े और वामपंथी विचार वाले थे। कंजरवेटिव टिकट पर संसद का चुनाव लड़ने पर पिता लीड्स विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रहे जॉन कैनेथ ने उनका प्रचार करने से साफ इन्कार कर दिया था। 26 जुलाई 1975 को ऑक्सफोर्ड में जन्मीं लिज ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में लिबरल डेमोक्रेट्स की नेता थीं। हालांकि कॉलेज से निकलते ही 1996 में वे कंजर्वेटिव पार्टी में आ गईं। 1998 और 2002 में शहर पार्षद के दो चुनाव हारने के बाद 2010 में साउथ-वेट नॉरफॉक से सीधे आम चुनाव में उतरीं।

    मंत्री नहीं बनेंगे सुनक
    ऋषि सुनक ने संकेत दिया कि वह ट्रस के मंत्रिमंडल में पद स्वीकारने के इच्छुक नहीं हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, वित्त मंत्री के तौर पर मैंने जैसा काम किया, वह यह वाकई गर्व की बात है। कोरोना काल की चुनौती का भी सफलतापूर्वक सामना किया।

    18 महीने चला मेंटर से संबंध, पति ने माफ किया
    2004-05 में कंजरवेटिव पार्टी ने वरिष्ठ सांसद मार्क फील्ड को उनका राजनीतिक मेंटर बनाया। इस दौरान शादीशुदा लिज का मार्क से रोमांस शुरू हो गया। बात सामने आई तो पार्टी में विरोध हुआ, हालांकि पति ह्यू ओलियरी ने लिज को माफ कर दिया और साथ बने रहे।

    ब्रेग्जिट को लेकर भी बदले विचार : 2016 में लिज ने यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के अलग होने यानी ब्रेग्जिट के प्रस्ताव का घनघोर विरोध किया। हालांकि बाद उन्होंने रुख बदला और ब्रेग्जिट के समर्थन में वोट डाला।

    निजी जीवन : दो बेटियों की मां लिज ईसाई हैं लेकिन नियमित चर्च नहीं जातीं। उन्हें ब्रिटेन के साम्राज्यवादी अतीत में कोई गलती नजर नहीं आती।

    1994 में ऑक्सफोर्ड की छात्र राजनीति में लिबरल डेमोक्रेट रहीं ट्रस ने ब्रिटेन से राजशाही को उखाड़ फेंकने की मांग की थी। अब ट्रस, मंगलवार को महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के प्रति निष्ठा की शपथ लेंगी।

    मई 1979 से नवंबर 1990 तक सत्ता में रहीं मार्गरेट थैचर पहली महिला पीएम थीं। फिर टेरीजा मे जुलाई 2016 से जुलाई 2019 तक पीएम रहीं।

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