लंदन। अमेरिका में छात्र इजराइल के विरोध में लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इन प्रदर्शनों को लेकर अब पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन भी सख्त है। अमेरिका में हो रहे विरोध प्रदर्शनों को लेकर अब ब्रिटेन भी सतर्क हो गया है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने देश के विश्वविद्यालयों के प्रमुखों से आग्रह किया है कि वो इजराइल-हमास युद्ध से जुड़ी प्रतिक्रियाओं के कारण परिसरों में बढ़ रहीं यहूदी विरोधी पूर्वाग्रह से जुड़ी घटनाओं को रोकने और पढ़ाई में पैदा हो रहे व्यवधान को दूर करने की दिशा में काम करें।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘डाउनिंग स्ट्रीट’ ने कहा कि सुनक और उनके मंत्री विश्वविद्यालय के कुलपतियों से मिलेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी परिसरों में यहूदी विरोधी दुर्व्यवहार को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मामले पर पूरी तरह से जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी।
सरकार ने कहा कि वह यह स्पष्ट करना चाहती है कि विश्वविद्यालयों में बहस और विचारों का खुला आदान-प्रदान आवश्यक है लेकिन यह नफरत पैदा करने वाले भाषण, उत्पीड़न या हिंसा भड़काने का जरिया नहीं बन सकते। सुनक ने कहा, ‘‘विश्वविद्यालयों में बहस होनी चाहिए लेकिन उन्हें अपने समुदाय के प्रत्येक सदस्य के प्रति सहिष्णुता और सम्मान के केंद्र भी बनना चाहिए।’’
प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा, ‘‘हमारे परिसरों में मुखर अल्पसंख्यक अपने साथी छात्रों के जीवन और पढ़ाई को बाधित कर रहे हैं और कुछ मामलों में, उत्पीड़न और यहूदी विरोधी दुर्व्यवहार का प्रचार कर रहे हैं, इसे रोकना होगा।’’ अमेरिकी विश्वविद्यालय परिसरों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद ब्रिटेन के कुछ विश्वविद्यालय परिसरों में इजराइल-हमास युद्ध के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले छात्रों के कुछ शिविर देखे गए हैं।
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