पहलगाम: पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam terror attack) से पूरे देश में आक्रोश का माहौल है. 26 बेगुनाह लोगों की हत्या कर दी गई. सूत्रों ने हमले में पाकिस्तान का भी कनेक्शन (Pakistan connection) बताया है. हालांकि, पाक विदेश मंत्री और अन्य मिनिस्टर पाकिस्तानी कनेक्शन से इनकार कर रहे हैं. छह दिन पहले ही पाक सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने कश्मीर, 1947 बंटवारे पर भाषण दिया था, जिसमें वह हिंदुओं पर भी बोलते हुए नजर आए थे.
हमले के बाद उनके भाषण की बहुत चर्चा है. भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी और मेजर जनरल गगन दीप बक्शी हमले से काफी भड़के हुए हैं. उन्होंने पाकिस्तान को सबक सिखाने की अपील की है. उन्होंने चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश का भी जिक्र किया है. जनरल बक्शी ने कहा कि ये जंग की आहट है और भारतीय सेना को इसके लिए तैयार हो जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि हालात को समझो, ये जंग की आहट है. जवानों को तैयार करो उन्हें लड़ने दो और आतंकियों के सिर कलम करने दो. जनरल जीडी बक्शी ने कहा कि जो करना है करो, लेकिन छोड़ो नहीं. अपने जगुआर, राफेल, फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट और एयरक्राफ्ट निकालो. सिर्फ 300 नहीं 1300 की जरूरत है.
जनरल बक्शी ने चीन और बांग्लादेश से भी अलर्ट रहने को कहा है. उन्होंने गलवन घाटी और चिकेन नेक पर दोनों देशों की गतिविधियों को देखते हुए यह अपील की है. 2020 में गलवन घाटी पर चीनी सेना के हमले के बाद से LAC पर तनाव की स्थिति है. उधर, पश्चिम बंगाल के चिकेन नेक एरिया के पास बांग्लादेशी सीमा पर आईएसआई और पाकिस्तानी सेना के अधिकारी दौरा कर चुके हैं. शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच थोड़ी दूरी आ गई है और LOC पर पहले ही हालात ठीक नहीं हैं.
जनरल बक्शी ने कहा कि ये जानबूझकर उकसाने और अपमान करने के लिए की गई सोची-समझी साजिश है, जिसका भारत को जवाब देने की जरूरत है. जनरल जीडी बक्शी ने कहा कि हमले से वह बहुत गुस्से में हैं. उन्होंने हमलावरों को कहा कि ये कसाई मासूम बच्चों और महिलाओं पर हमले करते हैं, पर्यटकों की जान लेते हैं और फिर पीएम को चुनौती देते हैं. उन्होंने कहा कि ये स्वीकार नहीं किया जा सकता और पाकिस्तान क्या सोचता है कि वो इससे बचकर निकल जाएगा. उन्होंने कहा कि क्या किसी पाकिस्तानी में इन बेगुनाह लोगों की मौत पर जरा सा भी दुख है.
16 अप्रैल को पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने कश्मीर और भारत को लेकर भाषण दिया था. उन्होंने कहा था, ‘कश्मीर हमारे गर्दन की नस है, था और रहेगा. हम अपने कश्मीरी भाईयों को नहीं छोड़ेंगे.’ उन्होंने विदेश में रह रहे पाकिस्तानियों से कहा था कि उन्हें ये नहीं भूलना चाहिए कि वे श्रेष्ठ संस्कृति और विचारधारा से जुड़े हैं.
आसिम मुनीर ने ये भी कहा कि पाकिस्तानियों को अपने बच्चों को बताना चाहिए कि पाकिस्तान क्यों बना. देश की नींव रखने वाले हमारे नेताओं को लगता था कि हम हिंदुओं से हर तरह से अलग हैं. हमारा धर्म, हमारे रीति-रिवाज, परंपरा, विचार और महत्वकांक्षाएं सब उनसे अलग हैं. इस वजह से टू-नेशन थ्योरी आई और यही 1947 के बंटवारे का आधार बनी.
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