नई दिल्ली. कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख और बीजेपी (BJP) नेता बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Singh) ने हरियाणा विधानसभा (Haryana Legislative Assembly) चुनाव (Election) से पहले पहलवान विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) और बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) के कांग्रेस (Congress) में शामिल होने पर प्रतिक्रया दी है. उन्होंने कांग्रेस के कई शीर्ष नेताओं पर निशाना साधा. पहलवानों के उनके खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन को याद करते हुए सिंह ने कहा “यह कदम दो साल पहले शुरू हुआ था.”
बृजभूषण सिंह ने कहा, “लगभग दो साल पहले, इन खिलाड़ियों ने 18 जनवरी को एक साजिश शुरू की थी. मैंने कहा था कि यह एक राजनीतिक साजिश है. इसमें कांग्रेस शामिल थी, दीपेंद्र हुड्डा शामिल थे, भूपेंद्र हुड्डा शामिल थे. पूरी पटकथा लिखी गई थी. यह खिलाड़ियों का आंदोलन नहीं था और अब लगभग दो साल बाद यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस इस नाटक में शामिल थी.”
विनेश पर तीखा हमला
सिंह ने कहा, ‘मैं बेटियों का गुनहगार नहीं हूं, बेटियों का कोई गुनहगार है तो वह बजरंग और विनेश है. जो स्क्रिप्ट लिखी भूपेंद्र हुड्डा ने, वो जिम्मेदार हैं. इन्होंने कुश्ती की गतिविधि को लगभग पौने दो साल तक कुश्ती की गतिविधि को लगभग ठप कर दिया.’
विनेश फोगाट पर तीखा हमला करते हुए बृजभूषण सिंह ने कहा, ‘क्या ये सच नहीं है कि एशियन गेम्स में बजरंग बिना ट्रायल के गए थे. मैं कुश्ती के जानकारों और विनेश फोगाट से पूछना चाहता हूं कि क्या एक खिलाड़ी एक दिन में दो वजन में ट्रायल दे सकता है? क्या वजन के बाद पांच घंटे तक कुश्ती रुकवाई जा सकती है? आप नियम की बात कर रही हैं क्या ये नियम है कि एक दिन में एक खिलाड़ी दो वेट कैटेगरी में ट्रायल दे इसमें आपने हक नहीं मारा? क्या पांच घंटे तक कुश्ती नहीं रुकवाई? क्या रेलवे के रेफरियों का इस्तेमाल नहीं हुआ? आप कुश्ती जीतकर के नहीं गई थीं, आप चीटिंग करके गई थीं, जूनियर खिलाड़ियों का हक मारकर गई थीं, भगवान ने वहीं सजा दी है आपको. ‘
हुड्डा पर निशाना
भूपेंद्र हुड्डा पर निशाना साधते हुए, बृजभूषण ने आरोप लगाया कि हरियाणा कांग्रेस के नेता “पहलवानों के आंदोलन” के पीछे थे. एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, “यह कांग्रेस का आंदोलन था. इस पूरे आंदोलन में, हमारे खिलाफ जो साजिश हुई, उसका नेतृत्व भूपेंद्र हुड्डा कर रहे थे. मैं हरियाणा के लोगों को बताना चाहता हूं कि भूपेंद्र हुड्डा, दीपेंद्र हुड्डा, बजरंग या विनेश, ये लड़कियों के सम्मान के लिए (धरने पर) नहीं बैठे थे. इनके कारण हरियाणा की बेटियों को शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है. इसके लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं, इसके लिए भूपेंद्र हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा और ये प्रदर्शनकारी जिम्मेदार हैं.”
संजय सिंह बोले- प्रदर्शनों का असर कुश्ती पर पड़ा
विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के कांग्रेस में शामिल होने पर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा, “यह तो होना ही था. पूरा देश जानता है कि यह पूरा विरोध कांग्रेस के इशारे पर हो रहा था और इसका मास्टरमाइंड दीपेंद्र हुड्डा यानी हुड्डा परिवार था. इस विरोध की नींव उस दिन पड़ गई थी, जब हमारे प्रधानमंत्री ने बृजभूषण शरण सिंह की तारीफ करते हुए कहा था कि कुश्ती सुरक्षित हाथों में है. यह पूरी साजिश इसलिए भी रची गई थी, क्योंकि ओलंपिक में कुश्ती के 4-5 मेडल आने वाले थे. विरोध का असर उन मेडल पर भी पड़ा. ओलंपिक वर्ष में 2 साल तक कुश्ती की कोई गतिविधि नहीं हुई, इसलिए हमें कम मेडल मिले. हमारे पहलवान अभ्यास नहीं कर पाए. अब इन लोगों का हमारे कुश्ती संघ पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है.”
गोल्ड मेडल मैच से डिसक्वालिफाई हुईं थी विनेश
दरअसल, पेरिस ओलंपिक के दौरान विनेश ने 6 अगस्त को ही लगातार 3 मैच खेलकर 50 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती के फाइनल में एंट्री कर सिल्वर मेडल पक्का कर लिया था. गोल्ड मेडल मैच 7 अगस्त की रात को होना था, लेकिन उसी दिन सुबह विनेश को डिसक्वालिफाई कर दिया गया था, क्योंकि मैच से पहले उनका वजन 100 ग्राम ज्यादा था.
इसके बाद विनेश ने CAS में अपील की थी. उनकी पहली मांग तो यही थी कि उन्हें गोल्ड मेडल मैच खेलने की अनुमति दी जाए. मगर नियमों का हवाला देते हुए उनकी यह मांग तुरंत ही नामंजूर कर दी थी. इसके बाद विनेश ने अपील करते हुए कहा कि उन्हें इस इवेंट में सिल्वर मेडल दिया जाना चाहिए. अब इस अपील को भी खारिज कर दिया है.
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