नई दिल्ली. प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ब्रिक्स समिट (BRICS Summit) में हिस्सा लेने के लिए रूस (Russia) पहुंच गए हैं. वह मंगलवार को रूस के कजान (Kazan) शहर पहुंचे. इस दौरान वह सबसे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) से द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे.
पीएम मोदी 16वें ब्रिक्स समिट में हिस्सा लेने के लिए कजान पहुचे हैं. कजान पहुंचने पर उनका हवाईअड्डे पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया. पीएम मोदी की पुतिन से मंगलवार दोपहर 3.30 बजे के आसपास मुलाकात हो सकती है. वह पुतिन के अलावा ब्रिक्स के कई सदस्य देशों के प्रमुखों से भी मुलाकात करेंगे.
क्या होगा ब्रिक्स समिट का एजेंडा?
G-7 जैसे प्रभावशाली समूह की तुलना में ब्रिक्स का इतिहास बेशक ज्यादा पुराना नहीं हो लेकिन इस समिट में ऐसे बड़े फैसलों को अमलीजामा पहनाया जा सकता है, जिसके भविष्य में बड़े प्रभाव हो सकते हैं. इनमें से एक है- ब्रिक्स करेंसी.
ब्रिक्स देश एक ऐसी रिजर्व करेंसी शुरू करना चाहते हैं, जो डॉलर के प्रभुत्व को टक्कर दे सके. 22 से 24 अक्टूबर तक रूस के कजान शहर में होने वाले ब्रिक्स समिट में सदस्य देश ऐसी गोल्ड बैक ब्रिक्स करेंसी शुरू करने पर चर्चा को आगे बढ़ा सकते हैं.
चीन के साथ अमेरिकी ट्रेड वॉर और चीन एवं रूस पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच अगर ब्रिक्स देशों के बीच इस नई करेंसी को लेकर रजामंदी हो जाती है तो अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सिस्टम को चुनौती देने के साथ इससे इन सदस्य देशों की आर्थिक ताकत बढ़ सकती है.
मौजूदा समय में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सिस्टम में अमेरिकी डॉलर का प्रभुत्व है. दुनियाभर में लगभग 90 फीसदी कारोबार अमेरिकी डॉलर में होता है. वहीं, अभी तक 100 फीसदी तेल कारोबार भी अमेरिकी डॉलर में ही होता था लेकिन पिछले साल कथित तौर पर गैर अमेरिकी डॉलर में भी थोड़ा बहुत तेल कारोबार होने लगा है.
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