नई दिल्ली । देश में लॉकडाउन खुलने ( lockdown opened) के कुछ दिनों बाद ही हवा (Air level) इस प्रकार खराब हो गयी है कि बाहर आपको सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। जिसमें कि देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) और आगरा सहित देश के 19 शहरों की हवा खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार यहां सांस लेना सेहत के लिए घातक है। राष्ट्रीय राजधानी व आसपास रविवार सुबह वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में रही। जबकि 16 शहरों की हवा बहुत खराब दर्जे की पाई गई। केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली (सफर) ने बताया कि दीपावली पर भी दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ दर्जे में ही बने रहने की आशंका है।
दिल्ली सहित आगरा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद, फतेहाबाद, धारूहेड़ा, हिसार, जींद, कानपुर, मानेसर, रोहतक, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, भिवंडी और बुलंदशहर जैसे 19 शहरों में वायु गुणवत्ता की स्थिति ‘गंभीर’ श्रेणी में देखी जा रही है । वहीं, देश के 16 शहरों की हवा ‘बहुत खराब’ दर्जे की पाई गई। यह ‘गंभीर’ से नीचे का स्तर है लेकिन यह भी स्वास्थ्य के लिए भारी नुकसानदेह है। बावजूद इसके पंजाब और आसपास के क्षेत्रों में पराली जलाए जाने की घटनाएं जारी हैं।
गौरतलब है कि यहां शुक्रवार को पराली जलाने के 4528 मामले दर्ज किए गए। विशेषज्ञों ने बताया कि हालांकि मौसम संबंधी परिस्थितियां प्रदूषकों के बिखराव के लिए थोड़ी अनुकूल हैं, लेकिन वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में रहने का मुख्य कारण पंजाब में पराली जलाने की अधिक घटनाएं रहीं। साढे़ चार हजार पराली जलाने के मामले सामने आए हैं जो इस मौसम में सर्वाधिक हैं। प्रदूषण में 32 फीसद हिस्सेदारी पराली की रही।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के हवा गुणवत्ता निगरानी केंद्र (सफर) ने बताया कि दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक शनिवार को (एक्यूआइ) 443 रहा जो शाम तक कुछ बेहतर होकर 427 तक आ गया था, जबकि स्वास्थ्य के लिहाज से यह अधिकतम 50 तक ही बर्दाश्त किया जा सकता है। बताते चलें है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआइ को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में पीएम 10 का स्तर सुबह नौ बजे 486 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। पीएम 2.5 का स्तर सुबह नौ बजे 292 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर देखा गया । देश में 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पीएम 10 को और 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पीएम 2.5 को सुरक्षित माना जाता है।
हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि यह तो हवा में बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए। सफर का अनुमान है कि 13 नवंबर को एक्यूआइ ‘बहुत खराब’ श्रेणी की ऊपरी सीमा और 14 नवंबर (दीपावली) को ‘गंभीर’ श्रेणी में रहने की आशंका है। यानी दीवाली पर इसके और गहराने की आशंका है।
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