मुंबई। हनुमान चालीसा विवाद (Hanuman Chalisa Controversy) में गिरफ्तार हुईं नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा (Navneet Rana and her husband Ravi Rana) को आखिरकार जमानत मिल गई है, राणा दंपति को 11 दिन पहले गिरफ्तार किया गया था। निर्दलीय सांसद नवनीत राणा, विधायक रवि राणा को कुछ शर्तों के साथ जमानत (Bail) दी गई है, कहा गया है कि अगर इन शर्तों को नहीं माना गया या इनका उल्लंघन हुआ तो फिर बेल कैंसल हो जाएगी। कहा गया है कि वह मामले से जुड़ी कोई भी बात मीडिया के सामने आकर नहीं कह सकते, इसके साथ-साथ वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकते हैं, यह भी कहा गया है कि जिस मामले में उनकी गिरफ्तारी हुई है वैसा कोई काम वह फिर से नहीं कर सकते हैं।
नवनीत राणा के वकील रिजवान मर्चेंट ने मुंबई से बाहर जाने की कंडीशन को लेकर कहा- अभी तक हमारे पास आदेश का केवल ऑपरेटिव पोर्शन आया है। अमरावती जा सकेंगे कि नहीं इस बारे में तभी कहा जा सकता है जब पूरा ऑर्डर हमारे पास होगा। सोमवार को समय ज्यादा हो जाने के कारण मुंबई की सिविल एंड सेशंस कोर्ट के शेष न्यायाधीश आर. एन. रोकाडे अपना ऑर्डर पूरा नहीं लिखवा सके थे।
राणा दंपती पर IPC की धारा 15 ए, 353 के साथ बॉम्बे पुलिस एक्ट की धारा 135 के तहत FIR दर्ज है। इसके अलावा राणा दंपती पर 124 ए, यानी राजद्रोह की भी केस दर्ज है। दोनों की गिरफ्तारी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने के आवाहन के बाद हुई थी। बॉम्बे हाईकोर्ट उन पर दर्ज एक केस को खारिज करने से मना कर चुका है। शुक्रवार को हुई बहस के दौरान करीब ढाई घंटे तक दोनों पक्षों के वकीलों ने अपनी दलीलें रखीं थी। राणा दंपती पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने और राजद्रोह का आरोप है। इसके अलावा एक अन्य FIR में उनके खिलाफ सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का भी आरोप है।
राणा दंपती की ओर से वकील रिजवान मर्चेंट और अबाद पोंडा ने कोर्ट में दलीलें पेश की, जबकि मुंबई की खार पुलिस की ओर से सरकारी वकील प्रदीप घरत ने जमानत याचिका का विरोध किया। सांसद नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा की जमानत पर महाराष्ट्र के पूर्व CM देवेंद्र फडनवीस ने कहा- इस देश में हनुमान चालीसा बोलने पर राजद्रोह का गुनाह लगता है तो इससे मूर्खतापूर्ण बात और क्या हो सकती है? ये सरकार की मूर्खता थी और आज कोर्ट ने जमानत देकर इस मूर्खता को उजागर किया है। नवनीत को जमानत मिलनी ही थी।
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