नई दिल्ली (New Delhi)। संसद की सुरक्षा में सेंध (Parliament Security Breach) के मामले में पुलिस ने राजस्थान के नागौर (Nagaur of Rajasthan) से टूटे और जले हुए मोबाइल फोन (broken and burnt mobile phones) के कुछ टुकड़े बरामद (Some pieces recovered) करने के बाद एफआईआर में साक्ष्य मिटाने की धारा (Section of erasure of evidence in FIR) भी जोड़ दी है।
जांच से जुड़े अधिकारी ने रविवार को बताया कि ललित झा की निशानदेही पर मोबाइल फोन के कुछ टुकड़े बरामद किए गए। ललित संसद में सेंध के छह आरोपियों में से एक है। जांच कर रही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल शनिवार को उसे लेकर नागौर गई थी। घटना के बाद ललित महेश कुमावत की मदद से नागौर में ही ठहरा था।
सूत्रों ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 201 (सबूतों को नष्ट करना/साक्ष्यों को गायब करना) के अलावा कुछ अन्य धाराएं भी 13 दिसंबर को दर्ज एफआईआर में जोड़ने का फैसला किया है। पुलिस ने पहले से ही आरोपियों के खिलाफ सख्त गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानी यूएपीए के तहत आतंकवाद का आरोप लगाया है।
रात को नीलम के घर पहुंची स्पेशल टीम, तलाशी और पूछताछ
दिल्ली पुलिस की विशेष टीम संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में शामिल आरोपियों में से एक नीलम आज़ाद के परिवार के सदस्यों से पूछताछ करने के लिए हरियाणा के जींद स्थित आवास पर कल देर रात पहुंची। नीलम पर आईपीसी और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और वह जींद के घासो गांव की निवासी है।
टीम SHO बलवान सिंह और महिला पुलिस के साथ उचाना पहुंची। नीलम के परिवार वालों से पूछताछ की जा रही है और देर रात उसके कमरे की भी तलाशी ली गई।
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