डेस्क: इंसान के शरीर का पूरा कंट्रोल उसके दिमाग (Brain) में होता है. वह जो भी काम करता है, दिमाग की ओर से दिए गए निर्देश पर करता है. दुनिया में काफी सारे ऐसे लोग हैं, जिन्होंने अपने तेज दिमाग (Brain) और समझदारी से खास पहचान बनाई है.
यही कारण है कि परिवारों में बड़े लोग अपने बच्चों का दिमाग तेज करने के लिए कई प्रकार की पोष्टिक चीजें खाने के लिए प्रेरित करते हैं. बहुत कम लोगों को पता होगा कि हम अनजाने में कई बार ऐसी आदतें पाल लेते हैं, जिन पर तुरंत ध्यान नहीं देने से दिमाग बंद या स्लो भी हो सकता है. आइए जानते हैं कि वे कौन सी आदतें हैं, जिन्हें तुरंत छोड़ देने में ही हमारा फायदा है.
अधिक मात्रा में मीठे का सेवन
भोजन के बाद कोई न कोई मीठा खाना भारतीय भोजन शैली का खास हिस्सा है. हालांकि इस भोजन को पचाने के लिए नियमित रूप से वॉक या जॉगिंग भी जरूरी है. ऐसा न करने पर वह भोजन बिना पचा रह जाता है और शरीर को नुकसान पहुंचाता है. एक्सपर्ट के अनुसार अगर आप ज्यादा भागदौड़ नहीं कर सकते तो ज्यादा मीठा खाने से परहेज करना चाहिए. ऐसा न करने पर आपको डायबिटीज की बीमारी घेर सकती है और याद्दाश्त भी कम हो सकती है.
रोजाना पर्याप्त नींद न लेना
इंसान को फिट रहने के लिए रोजाना 7-8 घंटे की अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी है. नींद में होने के बावजूद मस्तिष्क (Brain) हालांकि जगा रहता है लेकिन उसकी कोशिकाएं रिलैक्स हो जाती हैं. अगर आप इससे कम नींद लेते हैं तो आपकी कोशिकाओं को पर्याप्त आराम नहीं मिल पाता और वे थकी-थकी रहती हैं. इसका असर दिमाग पर पड़ता है और वह काम करना धीरे-धीरे कम कर देता है.
छोटी-छोटी बात पर गुस्सा करना
बातचीत के दौरान कभी-कभार गुस्सा आ जाना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है. हालांकि अगर यह आपकी आदत का हिस्सा बन जाए तो बड़ी समस्या बन सकती है. दरअसल गुस्से की वजह से दिमाग (Brain) की ब्लड सेल्स पर प्रेशर पड़ता है, जिससे इंसान मानसिक रूप से बीमार हो सकता है. कई बार गुस्से की वजह से उसे ब्रेन हैमरेज भी हो सकता है. लगातार गुस्सा करने की वजह से दिमाग के सोचने-समझने की क्षमता भी कम हो जाती है.
उचित मात्रा में भोजन न करना
शरीर के साथ ही दिमाग (Brain) को भी पोषण देने के लिए रोजाना उचित मात्रा में भोजन करना जरूरी है. अगर आप पोषक तत्वों वाला भोजन नहीं करते या कम मात्रा में भोजन लेते हैं तो आपके दिमाग तक पर्याप्त खुराक नहीं पहुंच पाती. ऐसे में दिमाग दिनभर शरीर को थका-थका होने का मैसेज देता है और खुद भी ढंग से काम नहीं कर पाता.
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