मॉस्को: यूक्रेन युद्ध (ukraine war) ने रूसी रक्षा उद्योग (Russian defense industry) को बड़े पैमाने पर प्रभावित किया है। इस कारण रूस को कई हथियारों और उनके पार्ट्स को बनाने में देरी का सामना करना पड़ रहा है। इस देरी की पूर्ति के लिए रूस अपने मित्र देशों की सहायता भी ले रहा है, जिसमें चीन और ईरान सबसे आगे हैं। युद्ध के कारण रूस उन हथियारों का भी इस्तेमाल कर रहा है, जिसे उसने दूसरे देशों के साथ मिलकर विकसित किया है। इनमें से की एक है रूसी ओनिक्स क्रूज मिसाइल।ओनिक्स मिसाइल का एनालॉग ब्रह्मोस (Brahmos) मिसाइल के जैसा है। अब रिपोर्ट्स के अनुसार, ओनिक्स मिसाइल (Onyx Missile) ने यूक्रेनी एयर डिफेंस को भेदते हुए ज्यादा सटीक हमले किए हैं। वहीं, दुनिया की सबसे तेज मिसाइल मानी जाने वाली किंजल (Kinjal) उतना प्रभाव नहीं छोड़ सकी है।
ओनिक्स मिसाइल ने मचाया तहलका
यूरेशियन टाइम्स ने स्पुतनिक न्यूज की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि ब्रह्मोस एनालॉग पर आधारित मिसाइलों ने यूक्रेन को सबसे ज्यादा परेशान किया है। रिपोर्ट में भारतीय वायु सेना के रिटायर्ड अधिकारी और सैन्य विश्लेषक विजयेंद्र ठाकुर के हवाले से बताया गया है कि यूक्रेनी जनरल स्टाफ के आंकड़ों ने भी ब्रह्मोस एनलॉग पर आधारित ओनिक्स मिसाइल की सफलता बताई गई है। रिपोर्ट के अनुसार, यह मिसाइल यूक्रेनी एयर डिफेंस को भेदने में बहुत सफल रही है। रूस-यूक्रेन युद्ध पर नजर रखने वाले ठाकुर ने कहा, “ओनिक्स के खिलाफ यूक्रेनी एयर डिफेंस की मारक क्षमता सिर्फ 5.7% रही है।
ओनिक्स से बेहतर सिर्फ दो मिसाइलें
उन्होंने यह भी कहा, “केवल दो मिसाइलों ने ओनिक्स से बेहतर प्रदर्शन किया है, केएच-22 (0.55%) और इस्कंदर-एम (4.31%)।” उनका तर्क है कि अन्य रूसी मिसाइलों के पास ओनिक्स की तुलना में यूक्रेनी एयर डिफेंस को भेदने की कम संभावना है। इनमें केएच-35 मिसाइल 6.67%; किंजल हाइपरसोनिक एयरो-बैलिस्टिक मिसाइल 25.23%; इस्कंदर-के शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल 37.62%; और कलिबर क्रूज मिसाइल 49.55% शामिल हैं।
ओनिक्स मिसाइल के बारे में जानें
पी-800 ओनिक्स एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे रेउतोव एनपीओ मशिनोस्ट्रोनिया (टैक्टिकल मिसाइल आर्म्स कॉरपोरेशन का हिस्सा) ने विकसित किया है। इस मिसाइल को खास तौर पर दुश्मन के युद्धपोतों का मुकाबला करने और मजबूत फायरपावर के साथ इलेक्ट्रानिक काउंटरमेशर्स की स्थितियों में जमीनी लक्ष्य को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है। इलेक्ट्रानिक काउंटरमेशर्स में रडार जैमिंग जैसी तकनीक इस्तेमाल में लाई जाती है। मुख्य रूप से युद्धपोतों के लिए विकसित किए गए इस हथियार का इस्तेमाल जमीनी लक्ष्यों पर हमला करने के लिए भी किया जाता है।
यूक्रेन ने भी ओनिक्स की तारीफ की
जुलाई 2023 में यूक्रेन की सशस्त्र सेनाओं की वायु सेना के प्रवक्ता यूरी इहनात ने कहा कि जमीनी लक्ष्यों के खिलाफ तैनात किए जाने पर ओनिक्स मिसाइल कई तकनीकी चुनौतियां पेश करती है, जिनमें से सबसे बड़ी चुनौती इसकी गति है। 20 जुलाई की सुबह टेलीथॉन पर उन्होंने कहा, “ओनिक्स मिसाइलों को युद्धपोतों और जहाजों को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है… वे 3000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ती हैं, यानी बहुत तेज।” प्रवक्ता ने यह भी कहा कि ओनिक्स मिसाइल की फ्लाइट पाथ भी इसकी गति की तुलना में इसका पता लगाने और रोकने को अधिक कठिन बनाती है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved