नई दिल्ली (New Delhi)। भारत के पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान (China-Pakistan) बार-बार अपनी मिसाइलों को लेकर दुनिया को दिखा रहे हैं कि जंग के मोर्चे पर वो क्या कर सकता है, किन्तु उसे नहीं मालूम कि भारत भी चीन (China) गीदड़ धमकियों से डरने वाला नहीं है, क्योंकि इसकी भी भारत ने पूरी तैयारी कर ली है।
जानकारी के लिए बता दें कि आवाज से भी 5 गुना तेज रफ्तार से दुश्मन पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइलों की अगली कड़ी पर भारत-रूस के साथ मिलकर काम करने वाला है। इन मिसाइलों पर काम करने को लेकर हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और उनकी रूसी समकक्ष के बीच हुई मुलाकात में सहमति बनी है।
बता दें कि हाइपरसोनिक हथियारों की यह खासियत है कि वे आसानी से अपना रास्ता बदल सकते हैं और दुश्मन के इलाके में तेजी से लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम होते हैं। इनकी स्पीड भी आवाज से 5 गुना तक ज्यादा होती है। रूस के साथ मिलकर भारत जिन मिसाइलों पर काम करने वाला है, वे समुद्र, हवा और जमीन कहीं से भी मार करने में सक्षम होंगी यानी इनका फायदा देश की तीनों सेनाओं को मिलेगा।
गौरतलब है कि भारत मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम का मेंबर भी है। ऐसे में वह मिसाइलें तैयार तो कर सकता है, लेकिन इसे किसी और देश को एक्सपोर्ट नहीं कर सकता। इसके मुताबिक भारत 300 किलोमीटर दूर तक मार करने वाली मिसाइलों को तैयार कर सकता है, जो 500 किलोग्राम वजन तक वजन ले जाने में सक्षम हों, लेकिन उनका एक्सपोर्ट नहीं किया जा सकता।
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