नई दिल्ली (New Delhi)। ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (BrahMos Aerospace Private Limited) के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल (Engineer Nishant Aggarwal) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। नागपुर जिला न्यायालय (Nagpur District Court) ने सोमवार को यह फैसला सुनाया। अग्रवाल को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की ओर से जासूसी गतिविधियों के लिए आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया था। आजीवन कारावास के साथ-साथ उन्हें 14 साल के कठोर कारावास और 3,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
क्या है पूरा मामला?
2018 में इस मामले ने पूरे देश में हलचल मचा दी थी क्योंकि यह ब्रह्मोस एयरोस्पेस से जुड़ा जासूसी का पहला मामला था। अग्रवाल दो फेसबुक अकाउंट नेहा शर्मा और पूजा रंजन के जरिए संदिग्ध पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों के संपर्क में था। इस्लामाबाद से चलाए जा रहे इन अकाउंट्स के बारे में माना जाता है कि इन्हें पाकिस्तान के खुफिया एजेंट चला रहे थे।
ब्रह्मोस मिसाइल की जानकारी लीक करने के आरोप में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र एटीएस और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने 2018 में नागपुर के पास से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद निशांत अग्रवाल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उनके खिलाफ आईटी एक्ट और ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। जांच एजेंसियों ने दावा किया है कि उसके कंप्यूटर और अन्य डिजिटल उपकरणों की जांच की गई और पाया गया कि संवेदनशील डेटा ट्रांसफर किया गया था।
कौन हैं निशांत अग्रवाल?
निशांत अग्रवाल ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) रोपड़ से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद वह ब्रह्मोस एयरोस्पेस में इंजीनियर के तौर पर काम करने लगे। उनकी विशेषज्ञता की वजह से उन्हें बहुत कम समय में ब्रह्मोस एयरोस्पेस में कई जरूरी पदों पर पदोन्नत किया गया और मिसाइल परियोजनाओं पर काम करने वाली टीम का एक जरूरी सदस्य बन गया।
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