नई दिल्ली । आइंस्टीन और स्टीफन हॉकिंग(Einstein and Stephen Hawking) को दुनिया (World)के सबसे बेहतरीन दिमागों(the best minds) में से एक माना जाता है। लेकिन हाउंस्लो के रहने वाले 10 साल के कृष अरोड़ा का आईक्यू लेवल 162 है, जो कि आइंस्टीन और हॉकिंग से भी ज्यादा है। उन दोनों का आईक्यू लेवल करीब 160 के आसपास था। अपने इस आईक्यू लेवल से कृष ने लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा है।
कृष के माता-पिता मौली और निश्चल दोनों ही इंजीनियर हैं। अपने बेटे के बारे में बात करते हुए मौली ने बताया कि उनका बेटा जब चार साल का था तभी से वह बहुत तेजी के साथ चीजों को सीखने लगा था। वह अपनी उम्र के बच्चों की तुलना में लगातार काम कर सकता था। भाषा पर पकड़ बेहतर हो गई थी। उसकी वर्तनी भी दूसरों के मुकाबलें बहुत बेहतर हो गई थी। 5 साल की उम्र तक आते-आते वह कठिन दशमलव भाग भी करने लगा था। हमें तभी समझ आ गया था कि हमारे बेटे का दिमाग बहुत ज्यादा तेज है।
मौली ने बताया कि आज 10 साल की उम्र में वह न केवल शतरंज और अन्य चीजों में बहुत बेहतर है। बल्कि वह जिस भी चीज को सीखने और समझने की कोशिश करता है उसे कुछ ही समय में सीख लेता है और उसमें पारंगत हो जाता है। उन्होंने कहा कि अभी जब हाई आईक्यू वाली सोसायटी मेन्सा में हमने उसे रखा तो वह यहां की गतिविधियों में भी बाकी लोगों से तेज साबित हो रहा है। यहां पर वह चार लोगों द्वारा पढ़ी गई चीजों को भी बेहतर तरीके से समझ रहा है। बल्कि अन्य जटिल सवालों को भी बेहतर ढंग से हल कर रहा है।
अविश्वसनीय रूप से कृष ने शतरंज खेलना केवल चार महीने पहले शुरू किया था। आज की परिस्थिति में वह अपने 1600 की FIDE रेटिंग वाले गुरू को हराने में सक्षम है। शरतंज के अलावा कृष पियानों में भी बेहतर करता है। वह अपने दोस्तों की भी लगातार मदद करते हैं। उसके गणित के टीचर ने जब उसे अपने दोस्तों को पढ़ाते हुए देखा तो उन्होंने उसकी क्षमता को पहचाना और उसे उनको अलग से मदद करने के लिए कहा।
द सन को दिए अपने इंटरव्यू में कृष ने मेन्सा में सिलेक्ट होने को लेकर अपनी खुशी भी जाहिर की। उसने खुलासा किया मेरा आईक्यू लेवल आइंस्टीन से भी ज्यादा है। मेन्सा तर्क और मानसिक चपलता का आकलन करने के लिए कैटेल 3 बी परीक्षण का उपयोग करता है, जिसमें स्कोर अगर 160 से ऊपर आता है तो उसे बहुत बेहतर समझा जाता है।
मौली ने बताया कि एक ऐसे बच्चे को पालना जो इतनी तेज बुद्धि का हो, यह थोड़ा कठिन काम तो है। वह हमेशा सवाल पूछता रहता है। लेकिन हमें खुशी है कि हमारा बच्चा किसी उपहार से कम नहीं है। जब आप बच्चे को इतना बेहतर करते हुए देखते हैं तो आपको और भी ज्यादा खुशी होती है।
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