मैसूर: कर्नाटक में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे आप पढ़कर दंग रह जाएंगे. आपने किसी डिमांड को लेकर लोगों को मार्च निकालते जरूर सुना होगा. लेकिन यहां के लड़के एक अलग तरह की डिमांड के साथ मार्च निकालने वाले हैं. यहां सैकड़ों लड़के अगले महीने दुल्हन पाने के लिए दैवीय हस्तक्षेप की मांग करते हुए मांड्या के एक मंदिर तक पदयात्रा (मार्च) करने की योजना बना रहे हैं. आठ महीने बाद एक अन्य समूह ने इसी तरह का प्रयास किया है.
किसानों का कहना है कि ‘दुल्हन संकट’ कई लड़कियों और उनके परिवारों के बीच ग्रामीण जीवन से जुड़ने की अनिच्छा के कारण हुआ है. TOI के अनुसार संतोष उन सैकड़ों लोगों में से थे जिनकी उम्र ज्यादातर 30 साल और उससे अधिक थी जिन्होंने फरवरी में चामराजनगर जिले के एमएम हिल्स मंदिर तक ट्रैकिंग की थी. संतोष ने कहा ‘हम कोई दहेज नहीं मांग रहे हैं. हम उनकी (भावी दुल्हनों की) रानियों की तरह देखभाल करेंगे.’
संतोष ने आगे कहा ‘लेकिन फिर भी, कोई भी परिवार अपनी बेटियां हमें देने के लिए तैयार नहीं है. हमने समस्या के बारे में समाज में जागरूकता पैदा करने के लिए यह पदयात्रा निकाली है.’ दिसंबर में, मांड्या के कुंवारे लोगों ने अखिल कर्नाटक ब्रह्मचारिगला संघ के बैनर तले आदिचुंचनगिरी मठ तक मार्च करने की योजना बनाई है.
संघ के संस्थापक केएम शिवप्रसाद ने कहा ‘हमने आदिचुंचनगिरी के संत निर्मलानंदनाथ स्वामी से मुलाकात की और संत ने यात्रा के लिए अपनी सहमति दी. इसका उद्देश्य दुल्हन संकट के बारे में समाज में जागरूकता पैदा करना है.’
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