नई दिल्ली। कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के बढ़ते प्रकोप के बीच दुनिया के 16 देशों में वैक्सीनेशन का प्रोसेस शुरू हो चुका है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया ने भारत में कोविड-19 के इलाज के लिए दो वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। ये दो वैक्सीन हैं- कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxin)। कोविशील्ड ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका का भारतीय संस्करण है।
कोवैक्सीन पूरी तरह भारत की अपनी वैक्सीन है; जिसे हैदराबाद की भारत बायोटेक कंपनी ने बनाया है। इसे ‘स्वदेशी वैक्सीन’ भी कहा जा रहा है। कोविशील्ड को भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया कंपनी बना रही है। कोवैक्सीन को भारत बायोटेक कंपनी इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के साथ मिलकर बना रही है।
इन दोनों वैक्सीन के कई ट्रायल अभी बाकी हैं, लेकिन इससे पहले ही इसे भारत सरकार की मंजूरी मिलने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। कोवैक्सीन का तो तीसरे फेज के ट्रायल का रिजल्ट ही नहीं आया है, फिर भी इसे अनुमति दिए जाने से कांग्रेस पार्टी समेत कुछ स्वास्थ्यकर्मियों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। ऐसे में News18 ने अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (AIIMS) के डायरेक्टर डॉ, रणदीप गुलेरिया से कोविशील्ड और कोवैक्सीन को लेकर तमाम सवालों के जवाब जानने की कोशिश की।
Q. भारत बायोटेक के कोवैक्सीन को बैकअप वैक्सीन कहा जा रहा है… ये बैकअप वैक्सीन क्या है? भारत बायोटेक तो इसे बैक अप वैक्सीन नहीं कह रहा है?
A. बैकअप शब्द का यहां गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। सरकार की प्लानिंग के तहत सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन यानी कोविशिल्ड को सिर्फ पहले फेज के वैक्सीनेशन के लिए इस्तेमाल किया जाना है। वहीं, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल मोड के लिए है। भारत बायोटेक की वैक्सीन को सेकेंडरी वैक्सीन के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाएगा, बल्कि कोविशिल्ड की डोज कम पड़ने की स्थिति में कोवैक्सीन का इस्तेमाल किया जाना है। दोनों वैक्सीन बराबर तौर पर अच्छी और कारगर हैं।
Q. कोवैक्सीन या कोविशिल्ड… आप खुद के लिए और अपने परिवार के लिए कौन सी वैक्सीन लेना चाहेंगे?
A. ये वैक्सीन के डेटा पर निर्भर करता है। दोनों वैक्सीन ही सेफ है। हमें भारत बायोटेक के रिसर्च और सीरम के डेटा पर भरोसा करना चाहिए। भारत बायोटेक ने वैक्सीन विकसित करने के लिए पुराने प्लैटफॉर्म और पैटर्न का इस्तेमाल किया है, जो भरोसेमंद है। इसलिए आगे जाकर हम इन दोनों वैक्सीन को लेकर सुरक्षित रहेंगे।
Q. मतलब अभी प्रेग्नेंट महिलाओं और बच्चों के लिए कोई वैक्सीन नहीं है?
A. मौजूदा समय में रेग्युलेटर्स ने वैश्विक तौर पर बच्चों और प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए वैक्सीन को मंजूरी नहीं दी है, क्योंकि इनमें सेफ्टी डेटा का सवाल है। बच्चों और प्रेग्नेंट महिलाओं के टीकेकरण के लिए अभी सेफ्टी डेटा का इंतजार करना चाहिए।
Q. अमेरिका के फाइजर ने भारतीय रेग्युलेटर से क्यों संपर्क नहीं किया? इसका क्या कारण हो सकता है?
A. मैं निश्चित तौर पर इसका कारण नहीं बता सकता। फाइजर के ऐसा नहीं करने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। जैसे क्षतिपूर्ति क्लॉज या फिर कुछ और फाइजर को दुनियाभर से भारी मात्रा में डोज के ऑर्डर पहले ही मिल चुके हैं। ऐसा भी हो सकता है कि अगर भारत की ओर से ऑर्डर आया, तो फाइजर मैनेज ना कर पाए।
Q. वैक्सीनेशन का पहला फेज कब से शुरू होगा? क्या कोई तारीख तय की गई है?
A. अभी ड्राई रन चल रहा है। एक बार चीजें साफ हो जाएं तो वैक्सीनेशन का प्रोसेस शुरू होगा। मुझे लगता है कि अगले 10 से 14 दिन के अंदर हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन की पहली डोज दी जाएगी। मुझे भी जल्द वैक्सीन की डोज मिलेगी, इसकी उम्मीद करता हूं।
Q. वैक्सीनेशन का पहला शॉट कोविशिल्ड का ही होगा ना?
A. मुझे ऐसा ही लगता है। सीरम के पास कोविशिल्ड की काफी मात्रा में डोज तैयार हैं। मेरे जानकारी के मुताबिक उनके पास 60-70 मिलियन डोज हैं, जो वो शॉर्ट नोटिस पर सरकार को मुहैया करा सकते हैं। ऐसे में इतने कम समय में कोविशिल्ड की डोज ही दी जा सकती है, क्योंकि ये आसानी से उपलब्ध है।
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