उज्जैन। शहर के दोनों तरणताल इस गर्मी में भी शहर की जनता को ठंडक नहीं पहुँचा पाए और लोग नए तरणताल का मजा भी नहीं ले पाए। कोरोना के कारण दोनों स्वीमिंग पूल बंद पड़े हैं। नगर निगम परिसर में बना तरणताल अत्यंत महंगा है।
स्मार्ट सिटी द्वारा प्रतियोगियों के लिए बड़ा स्वीमिंग पूल बनाया गया है लेकिन यह स्वीमिंग पूल मध्यम वर्ग के लिए किसी काम का नहीं है, क्योंकि यहाँ पर प्रति व्यक्ति मासिक शुल्क 1000 रुपए महीना है जो मध्यम वर्गीय परिवार की जनता नहीं चुका सकती है, इसलिए यह स्वीमिंग पूल अमीर लोगों का स्वीमिंग पूल माना गया है। वही मध्यमवर्गीय लोगों के लिए नगर निगम ने 1959 में कोठी रोड पर एक स्वीमिंग पूल बनाया था जो पिछले 5 सालों से बंद पड़ा हुआ है। पहले लीकेज की बात की गई थी और लाखों रुपए रिनोवेशन के नाम पर खर्च किए गए और बाद में नगर निगम की परिषद को यह ध्यान आया कि यह स्वीमिंग पूल अब पुराना और जर्जर हो चुका है इसलिए इसे तोड़कर नया स्वीमिंग पूल बनाने का प्रस्ताव पास किया गया। पिछली परिषद ने सदन में 4 करोड़ की लागत से स्वीमिंग पूल को तोड़कर बनाने का प्रस्ताव पास किया गया। इसकी डीपीआर भी बन चुकी और सर्वे भी पूरा हो चुका है। टेंडर लगने की प्रक्रिया जारी है लेकिन नगर निगम के पास के चलते निर्माण का बजट नहीं है। इसलिए नगर निगम ने विभिन्न प्रोजेक्ट के लिए लोन लेने की योजना बनाई है। सूत्रों के अनुसार लोन पास हो चुका है और जैसे ही लोन की राशि आएगी शहर के बड़े प्रोजेक्ट के टेंडर जारी कर इन्हें शुरू किया जाएगा। संभावना है कि मध्यमवर्गीय परिवारों का यह स्वीमिंग पूल बनने में दो-तीन साल लग जाएँगे।
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