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    गरीब परिवार में जन्‍म, टॉयलेट में भी गुजारे दिन…बड़ी संघर्ष भरी है म्यूजिक डायरेक्टर रवि बसरूर की कहानी

  • April 27, 2023

    नई दिल्ली (New Delhi)। बॉलीवुड स्टार्स, प्रोड्यूसर और डायरेक्टर (Bollywood stars, producers and directors) की लाइफ लोगों को हमेशा से ही आकर्षित करती आई है. उन्हें देखकर ऐसा लगता है कि काश हम भी ऐसी जिंदगी जी पाते. पर असल में हम ये देखना भूल जाते हैं कि नाम और पैसा कमाने के लिए इन्होंने कितने बुरे दिन भी गुजारे होंगे. ऐसी ही कहानी ‘किसी का भाई किसी की जान’ के म्यूजिक डायरेक्टर रवि बसरूर (music director ravi basrur) की भी है.

    दिल छू लेगी म्यूजिक डायरेक्टर की कहानी
    सलमान खान की फिल्म ‘किसी का भाई किसी की जान’ (Kisi Ka Bhai Kisi Ki Jaan) बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा रही है. फिल्म के गानों का खुमार भी लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है. सलमान की फिल्म के बेहतरीन म्यूजिक का क्रेडिट रवि बसरूर को जाता है. वो इस फिल्म के म्यूजिक डायरेक्टर हैं. आज हर किसी की जुंबा पर उनका नाम है. कामयाबी उनके कदम चूम रही है. पर उनकी ये जर्नी बिल्कुल आसान नहीं रही है.


    रवि बसरूर को लोग किरन के नाम से भी जानते हैं, उनका जन्म एक बेहद गरीब परिवार में हुआ था. म्यूजिक की दुनिया में नाम कमाने से पहले वो मूर्तियों की शिल्पकारी करने का काम करते थे. पैसों की तंगी की वजह से उन्होंने मजदूर, सुनार और दर्जी के तौर पर भी काम किया है.

    जब टॉयलेट में बिताए दिन
    अपने संघर्ष के दिनों पर बात करते हुए उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि वो दिन में मूर्तियां बनाते थे. रात में पब और रेस्टोरेंट में म्यूजिक बजाते थे. एक बार किसी ने उनसे वादा किया कि वो उन्हें बडे़ पब में काम करने मौका देगा. रवि सारा काम छोड़कर वहां पहुंच गए. पर उस जगह पहुंचते ही उन्होंने देखा कि पब में पुलिस का छापा पड़ गया है. ये वो पल था जब उन्हें लगा कि उनके सारे सपने टूट गए.

    वो बताते हैं, मैं टूट गया था. नौकरी नहीं थी ना ही रहने के लिए छत थी. पिछली नौकरी में जाने का ऑप्शन नहीं था. मैं ठाणे के रेलवे स्टेशन पहुंचा, तो पुलिस ने पकड़ कर मेरा गिटार और तबला तोड़ दिया. ये जानने के लिए कि कहीं उसमें बम तो नहीं है. उस दिन वहां बम विस्फोट हुआ था.

    किडनी बेचने के लिए हुए मजबूर
    म्यूजिक डायरेक्टर की जिंदगी बुरे दौर से गुजर रही थी. वो बॉम्बे से मैंगलोर पहुंचे. पूरी रात ट्रेन में रोते रहे. उनके पास नौकरी नहीं थी. परिवार चलाने के लिए वो किडनी भी बेचने को तैयार थे. पर हॉस्पिटल पहुंचते ही वो घबरा गए और किडनी नहीं बेच पाए. मुश्किल वक्त में उन्होंने सार्वजनिक शौचालय में रहकर गुजारा किया. पैसा ना होने की वजह से रवि मंदिर में जाकर खाना खाया करते थे.

    ऐसे पलटी किस्मत
    कहते हैं कि हर अंधेरी रात के बाद सुनहरी सुबह होती है. म्यूजिक डायरेक्टर की जिंदगी में भी वो खुशनुमा पल आया. एक दोस्त के जरिए उन्हें रोडियो स्टेशन में 15 हजार रुपये की नौकरी मिल गई. बस फिर क्या था. वो मेहनत करते गए उन्हें पहला फिल्मी ब्रेक अर्जुन ज्ञान के साथ ‘उग्रम’ में मिला. इसके बाद उन्होंने यश की KGF में काम किया और म्यूजिक से तहलका मचा दिया.

    वहीं अब उन्हें सलमान खान की फिल्म ‘किसी का भाई किसी की जान’ में काम करने का मौका मिला. रवि बसरूर ने अपनी मेहनत और हिम्मत से साबित कर दिया, अगर टैलेंट हो तो आपको आपकी मंजिल मिल ही जाती है.

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