नई दिल्ली । ब्रिटेन के प्रधानमंत्री (Prime Minister Britain) बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के साथ वार्ता के दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध (Russo-Ukraine War) पर चर्चा करेंगे। इसमें दोनों देश इस मुद्दे पर अपने-अपने देशों का परिप्रेक्ष्य रखेंगे। लेकिन अब इस मुद्दे पर ब्रिटेन ( Britain) की तरफ से भारत (India) को किसी प्रकार की नसीहत दिए जाने या दबाव बनाने की संभावना नहीं है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
प्रधानमंत्री जॉनसन दो दिवसीय यात्रा पर आज गुरुवार को सीधे अहमदाबाद पहुंचेंगे तथा 22 को दिल्ली में मोदी के साथ बैठक करेंगे। इस यात्रा से जुड़े सूत्रों ने कहा कि बातचीत के दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर चर्चा होगी। इसकी वजह यह है कि मौजूदा समय में यह महत्वपूर्ण घटना है जो पूरी दुनिया को प्रभावित कर रही है। जॉनसन की यात्रा रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर नहीं हो रही है, बल्कि यह पहले से लंबित चली आ रही थी। पूर्व में यात्रा दो बार रद्द हो गई थी। इसलिए यह यात्रा का मुख्य बिंदू नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत के तटस्थ रुख और रूस के साथ जारी व्यापारिक रिश्तों को लेकर ब्रिटेन किसी प्रकार की सलाह भारत को नहीं देगा। दरअसल, भारत रूस से अतिरिक्त तेल खरीदने के प्रयास कर रहा है। इसे लेकर अमेरिका और तमाम पश्चिमी देश असहज हैं। लेकिन हाल में भारत ने दिल्ली आई ब्रिटेन की विदेश मंत्री और कुछ दिन पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका यात्रा के दौरान स्पष्ट कर दिया कि भारत की तुलना में यूरोप कई गुना ज्यादा तेल रूस से खरीद रहा है। माना जा रहा है कि भारत की इस दो टूक के बाद ब्रिटेन के रुख में भी बदलाव आया है। उसकी तरफ से ऐसे संकेत दिए गए हैं कि वह इस मुद्दे पर भारत पर कोई दबाव डालने के पक्ष में नहीं है।
यह पूछने पर कि क्या जॉनसन और मोदी की बातचीत के दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध का समाधान निकालने पर कोई चर्चा हो सकती है, सूत्रों ने कहा कि दो प्रधानमंत्रियों के बीच चर्चा किस प्रकार होगी, यह पहले बता पाना संभव नहीं है। चर्चा के आयाम विविध हो सकते हैं। जॉनसन ने हाल में यूक्रेन का दौरान किया था। प्रधानमंत्री मोदी साफ कह चुके हैं कि रूस-यूक्रेन के बीच शांति स्थापना के लिए भारत कोइ भी भूमिका निभाने को तैयार है।
जॉनसन 21 अप्रैल को सीधे अहमदाबाद में निवेशकों के साथ बैठक करेंगे। दरअसल, ब्रिटेन में जितने भारतीय हैं, उनमें से लगभग आधे गुजरात के हैं। पहली बार ब्रिटेन के कोई प्रधानमंत्री गुजरात की यात्रा पर आ रहे हैं। जॉनसन मोदी के साथ बैठक में भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को लेकर चर्चा करेंगे। इस पर अभी दोनों देशों के बीच तीसरे दौर की वार्ता होनी है लेकिन इस यात्रा से प्रक्रिया तेज होगी। इसके अलावा व्यापार, रक्षा समेत अन्य द्विपक्षीय मुद्दों पर भी दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच चर्चा होगी।
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