नई दिल्ली । ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जून में होने वाले जी7 देशों के सम्मेलन में अतिथि देश के नेता के तौर पर आमंत्रित किया है। यह तीसरी बार है जब विश्व की सात बड़े लोकतांत्रिक देशों और खुली अर्थव्यवस्था वाले देशों के संगठन में भारत को अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया हो।
ब्रिटिश उच्चायोग की ओर से जारी एक वक्तव्य में उक्त जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया है कि जी7 ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, अमेरिका और यूरोपीय संघ का संगठन है। इन देशों का सम्मेलन 11 से 13 जून को ब्रिटेन में होने वाला है जिसमें भारत के साथ आस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया को भी अतिथि देश के तौर पर आमंत्रण भेजा गया है।
इस सम्मेलन में कोरोना के बाद के विश्व को संभालने और हरित भविष्य के निर्णाण पर चर्चा होगी। इस चर्चा में अधिक विशेषज्ञता और अनुभव लाने के लिए भारत सहित दो अन्य देशों को आमंत्रित किया गया है। सम्मेलन में शामिल होने वाले 10 देश दुनिया के लोकतांत्रिक देशों की 60 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधत्व करते हैं।
वक्तव्य में कहा गया है कि दुनिया की आधी वैक्सीन भारत से निर्यात हो रही है। ऐसे में बदलते विश्व में भारत का महत्व बढ़ रहा है। कोरोना काल में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन लगातार प्रधानमंत्री मोदी के संपर्क में रहे हैं। ब्रिटेन सुरक्षा परिषद का पहला स्थाई देश है जिसने भारत की स्थाई सदस्यता का समर्थन किया है और जी7 देशों के सम्मेलन में 2005 में आमंत्रित किया है।
उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री इस बार होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में मेहमान नेता के तौर पर आमंत्रित थे। हालांकि कोरोना के नए संक्रमण के प्रसार के चलते उनकी यात्रा टल गई । उनके जी7 देशों के सम्मेलन से पहले भारत आने की संभावना है।
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