नई दिल्ली (New Delhi) । अगले महीने कर्नाटक (Karnataka) में होने वाले विधानसभा चुनाव (assembly elections) से पहले भाजपा (BJP) ने राज्य का सर्वे करवाया है। इसी तरह 2024 के चुनाव को देखते हुए भी भाजपा बड़े स्तर पर सर्वे करवा रही है। भाजपा के ही पदाधिकारियों के मुताबिक पार्टी चार बड़े सर्वे करवा रही है जो कि अगले साल होने वाले आम चुनाव को लेकर रणनीति तैयार करने में मदद करेंगे। इन सर्वे की निगरानी गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) कर रहे हैं। इनमें से कुछ सर्वे शुरू हो चुके हैं और 2024 तक चलेंगे।
चार प्रमुख सर्वे के परिणामों को टैली किया जाएगा और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने रखा जाएगा। इसके बाद चुनाव अभियान की रणनीति तैयार होगी। इनमें से एक सर्वे ऐसा है जिसमें 40 हजार बूथ कार्यकर्ताओं को शामिल किया गया है जो कि 1 लाख बूथ को कवर करेंगे। 543 लोकसभा क्षेत्रों में 1 करोड़ लोगों से प्रतिक्रिया ली जाएगी। पार्टी के एक प्रमुख पदाधिकारी ने कहा, ‘यह विचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का था।’
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें बूथ लेवल आंकड़े जुटाने होंगे कि आखिर हमने पिछले चुनाव में 160 सीटें क्यों हारीं। पिछले साल मई में ही सरल ऐप के जरिए पार्टी ने सर्वे शुरू कर दिया था। सभी बूथ कार्यकर्ताओं ने 2 हजार राज्य स्तरीय प्रतिनिधियों के सहयोग से काम कर रहे थे। लोगों से पूछा गया कि आखिर उन्होंने भाजपा को वोट क्यों नहीं दिया था। भाजपा के एक नेता ने कहा, हम नवंबर तक पूरा डेटा जुटा सकते थे लेकिन कई जगहों पर आंकड़े बहुत बड़े थे। कई बारीक बातें थीं जिनके बारे में पता लगाना भी जरूरी था।
उन्होंने कहा सर्वे में भाजपा के हारने की जो तीन-चार प्रमुख वजहें सामने आई हैं उनमें पहली है कि लोगों ने प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी को प्रमुखता दी। कई बार इसके पीछे प्रत्याशी का दूसरी पार्टी से आना था। भाजपा ने 2014 और 2022 में 211 सांसदों और विधायकों को अपनी पार्टी में लिया है। इसमें से 177 कांग्रेस से ही हैं। दूसरी वजह के रूप में आंतरिक लड़ाई सामने आी है। यह समस्या सभी राज्यों में है। तीसरी वजह है भाजपा से इतर पार्टी का ध्यान खींचना। उन्होंने कहा, हमें पता चला कि कई राज्यों में हमारे ही पैसे से चलाई जाने वाली स्कीम का क्रेडिट राज्य सरकार ने ले लिया। इसके बाद लोगों ने भी इसे राज्य सरकार की स्कीम समझकर उसे वोट दिया।
इस सर्वे में हर बूथ पर इन्फ्लुएंसर के बारे में भी पता लगाने का काम किया है। यह कोई स्थानीय शिक्षक या वकील या फिर अन्य कोई हो सकता था। भाजपा ने इन्हें भी चुनाव प्रचार में शामिल करे का फैसला किया है। कठिन सीटों पर विजय के लिए फाइनल रणनीति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निगरानी में तैयार होगी। वहीं पीएम मोदी इन 160 सीटों में से 40 में जाएंगे। बाकी 120 सीटों पर अमित शाह और नड्डा दौरा करेंगे।
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